आप भी जानिये कि आखिर सीएमओ ने ऐसा क्यों किया ?
मामला चित्रकूट के सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र रामनगर का है जहां कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा भारी लापरवाही की जा रही है...
मामला चित्रकूट के सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र रामनगर का है जहां कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा भारी लापरवाही की जा रही है।
बताते चले कि यँहा कोरोना की सेम्पलिंग सफाईकर्मी व चैकीदारों से करायी जाती है वही जिम्मेदार अपने ऐसी कमरों से बाहर नहीं निकलते। सफाईकर्मी द्वारा की जा रही सेम्पलिंग को कैमरे में कैद होने के बाद स्वस्थ्य महकमे में हड़कम्प मच गया, वही डाक्टरो से लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी तक मीडिया के सामने आने से कतराने लगे।
रामनगर सीएचसी के स्वीपर ने बताया कि यँहा हम लोग ही कोरोना की सैंपलिंग करते है हमे प्रभारी अधीक्षक द्वारा कहा गया है। हम लोगो ने अब तक आधा सैकड़ा लोगो की सेम्पलिंग की है। वही जब बुन्देलखण्ड न्यूज़ टीम ने इस मामले में सीएचसी प्रभारी डाॅ. राजेश भारतीया से बात करनी चाही तो प्रभारी साहब टालमटोल करते हुये रफूचक्कर हो गये। वही इस मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनोद कुमार भी कैमरे के सामने बोलने से डरे उन्होंने फोन द्वारा बताया की ऐसा मामला मेरे संज्ञान में नही है में कोविड-19 को लेकर बहुत ब्यस्त चल रहा हू हमारी सीएचसीयो में लैब टेक्नीशियन व फार्मासिस्ट द्वारा सेम्पलिंग व जाँच करायी जाती है।
वही स्वीपर ने खुद जाँच की बात कबूलते हुये कैमरे में बयान दिया कि में प्रभारी अधीक्षक के कहने पर सेम्पलिंग जांच करता हु। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नियुक्त एक आशा ने बताया कि सफाईकर्मियों से हमलोगों की सेम्पलिंग जाँच कराई गई है जिसमे जांच के वक्त पाइप डालने से मेरी नाक से खून निकला था। हमारी सभी आशाओं व आशा संगिनियों की सेम्पलिंग भी इन्ही सफाईकर्मियों द्वारा करायी गयी।
वही इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए बाँदा चित्रकूट सांसद आरके सिंह पटेल कहा कि सरकार कोरोना रूपी महामारी बीमारी को लेकर बहुत चिंन्तित में है सरकार कोविड19 के तहत इस बीमारी से बचाव के लिए विभिन्न उपाय कर रही है यदि ऐसे कोरोना काल मे स्वस्थ्य विभाग कोई लापरवाही करता है तो सम्बंधित जिम्मेदारों पर कड़ी कर्यवाही की जाएगी
इधर इस बारे में एडी हेल्थ डाक्टर गौतम ने बताया कि रामनगर में हेल्प डेस्क बनाया गया है जिसमें थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है इसके लिए कोई भी स्वास्थ्य कर्मी जिम्मेदारी निभा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी है इसलिए हर स्वास्थ्य कर्मी को टेस्टिंग के लिए प्रशिक्षित किया गया है।