आत्मा-चित्त शुद्ध करने को योग जरूरी : जिला जज

उच्च न्यायालय इलाहाबाद व राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार...

आत्मा-चित्त शुद्ध करने को योग जरूरी : जिला जज

जिला कारागार में बंदियों ने किया योग

चित्रकूट(संवाददाता)। उच्च न्यायालय इलाहाबाद व राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जनपद न्यायाधीश के आवास परिसर में न्यायिक अधिकारियों, बार एसोसिएशन के सदस्यों, न्यायालय के कर्मचारियों ने योग दिवस मनाया। जिला जज विकास कुमार प्रथम ने कहा कि योग अपने आप में व्यापक शब्द है। योग शरीर, आत्मा एवं चित्त को शुद्ध करने के लिए किया जाता है।

इस अवसर पर श्रीकृष्ण यादव पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण, राकेश कुमार यादव प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, राममणि पाठक प्रथम अपर जिला जज, रेनू मिश्रा विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट, नीलू मैनवाल सचिव अपर जिला जज, राजेन्द्र कुमार भारती मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सूर्यकान्तधर दुबे सिविल जज सी.डि., सैफाली यादव सिविल जज जूडि, अंजलिका प्रियदर्शिनी न्यायिक मजिस्ट्रेट, रवि श्रीवास्तव, रितेश सिंह, राजेश यादव, कंचन सिंह, प्रिया, शानू सिंह, अनुराग चन्देल आदि न्यायिक कर्मचारी व अन्य लोग मौजूद रहे।

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