उप्र : हर जिले के ओडीओपी उत्पाद को नया कलेवर देंगे छात्र
एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) से सम्बद्ध प्रदेश के तकनीकी एवं प्रबंधन संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र..
लखनऊ,
- एमएसएमई व एकेटीयू आयोजित करेगा मेगा हैकाथन
एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) से सम्बद्ध प्रदेश के तकनीकी एवं प्रबंधन संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र ओडीओपी से जुड़े हर जिले के उत्पाद का एक नई पहचान देंगे। ओडीओपी उत्पादों को कैसे तकनीक से जोड़ कर उनको नई पहचान दी जाए। इसे लेकर छात्र अपना आइडियाज देंगे। ओडीओपी विभाग के साथ मिलकर एकेटीयू एक मेगा हैकाथन का आयोजन करने जा रहा है।
गौरतलब है कि, अभी हाल ही में ओडीओपी विभाग व एकेटीयू की ओर से लखनऊ की चिकनकारी व जरदोजी को कैसे नई पहचान दिलाई जाए। इस पर हैकाथन का आयोजन किया गया था। इसमें लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य जिलों के इंजीनियरिंग कॉलेजों के 70 से अधिक छात्रों ने अपने आइडियाज एकेटीयू को भेजे थे। इसमें 05 छात्रों के आइडियाज को फाइनल राउंड में चुना गया था।
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- तकनीक के जरिए ओडीओपी के उत्पादों को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान दिलाएंगे छात्र
अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल ने बताया कि छात्रों के बेहतर रूझान को देखते हुए अब ओडीओपी प्रदेश के हर जिले के ओडीओपी उत्पाद को लेकर मेगा हैकाथन का आयोजन करने की तैयारी कर रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म मध्यम एवं लघु उद्योग विभाग व एकेटीयू के बीच ओडीओपी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक एमओयू हुआ है। जिसके तहत इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
गौरतलब है कि, योगी सरकार का एक जनपद–एक उत्पाद एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में बनने वाले उत्पादों को अन्तर-राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाना और कामगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करा कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
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- कामगारों की होगी तरक्की, छात्र भी बनेंगे आत्मनिर्भर
श्री सहगल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में ऐसे उत्पाद बनते हैं, जो पूरे देश में कहीं नहीं बनते हैं। इसमें प्राचीन एवं पौष्टिक कालानमक चावल, फिरोजाबाद का कांच उत्पाद, मुरादाबाद का पीतल उद्योग, दुर्लभ एवं अकल्पनीय गेहूं डंठल शिल्प, विश्व प्रसिद्ध चिकनकारी, कपड़ों पर जरी-जरदोजी का काम, मृत पशु से प्राप्त सींगों व हड्डियों से अति जटिल शिल्प कार्य आदि है। इन कलाओं से ही उन जनपदों की पहचान होती है। इनमें से तमाम ऐसे उत्पाद हैं जो अपनी पहचान खो रहे थे। सरकार उनको ओडीओपी के तहत फिर से पहचान दिला रही है।
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हि.स