कड़ाके की ठंड से बचाव हेतु बांदा डीएम जे. रीभा ने जारी की एडवाइजरी—रैन बसेरों से लेकर स्वास्थ्य सुरक्षा तक विस्तृत निर्देश
शीतलहरी के लगातार बढ़ते प्रभाव और तापमान में तीव्र गिरावट को देखते हुए बांदा की जिलाधिकारी जे. रीभा ने जनपदवासियों के लिए विस्तृत शीतकालीन एडवाइजरी जारी की है...
बांदा। शीतलहरी के लगातार बढ़ते प्रभाव और तापमान में तीव्र गिरावट को देखते हुए बांदा की जिलाधिकारी जे. रीभा ने जनपदवासियों के लिए विस्तृत शीतकालीन एडवाइजरी जारी की है। भारत सरकार के मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिसंबर से फरवरी तक तापमान अत्यधिक कम रहने की चेतावनी जारी की है, जिसका असर दिसंबर के पहले सप्ताह में ही स्पष्ट दिखने लगा है।
डीएम ने खासतौर पर असहाय, आर्थिक रूप से कमजोर, बुजुर्गों, बच्चों और जरूरतमंद लोगों को ठंड से उत्पन्न होने वाली बीमारियों जैसे हाइपोथर्मिया, निमोनिया, सर्दी-जुकाम, त्वचा फटना और हार्ट संबंधी समस्याओं से बचाने हेतु सतर्क रहने की अपील की है।
शीतलहरी से बचाव के प्रमुख निर्देश
1. कपड़े/पहनावा
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कई परतों वाले गर्म कपड़े पहनें।
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सिर, कान, हाथ और पैर को ढककर रखें।
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गीले कपड़े तुरंत बदल दें, इससे शरीर का तापमान तेजी से गिरता है।
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टोपी, मोजे, दस्ताने और स्कार्फ अनिवार्य रूप से पहनें।
2. घर में सुरक्षा
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कमरों को बंद रखें लेकिन थोड़ा वेंटिलेशन जरूर रखें।
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हीटर/अंगीठी का प्रयोग करते समय कमरे में हवा का आवागमन आवश्यक है ताकि कार्बन मोनोऑक्साइड का खतरा न बढ़े।
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बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों को विशेष रूप से गर्म रखें।
3. भोजन और पेय
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दलिया, सूप, खिचड़ी, चाय, दूध जैसे गर्म भोजन का सेवन करें।
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पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं, ठंड में प्यास कम लगती है लेकिन शरीर को पानी की जरूरत बनी रहती है।
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तैलीय भोजन से परहेज करें और विटामिन युक्त पौष्टिक भोजन ही लें।
4. बाहर जाते समय सावधानियां
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आवश्यकता होने पर ही बाहर निकलें।
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ठंडी हवाओं से बचने के लिए स्कार्फ का उपयोग करें।
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फिसलन भरी सतहों पर सावधानी से चलें।
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लंबे समय तक ठंड में न रुकें, बीच-बीच में गर्म स्थान पर ठहरें।
5. वाहन चलाते समय
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सुबह और रात को कोहरे में धीमी गति से वाहन चलाएं।
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हेडलाइट और फॉग लाइट का सही उपयोग करें।
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वाहन की बैटरी, टायर और ब्रेक की नियमित जांच रखें।
6. स्वास्थ्य संबंधी बचाव
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हाइपोथर्मिया के लक्षण—कंपकंपी, कमजोरी, भ्रम, धीमी सांस—पहचानते ही डॉक्टर से संपर्क करें।
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त्वचा फटने से बचाने के लिए मॉइस्चराइज़र लगाएं।
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अस्थमा, हृदय रोग या आर्थराइटिस के मरीज विशेष सतर्कता बरतें।
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कृषक भाई अत्यधिक ठंड में खेतों पर कार्य से बचें और पाले से बचाव के उपाय अपनाएं।
रैन बसेरे एवं प्रशासनिक तैयारी
अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) कुमार धर्मेंद्र ने लोगों से रेडियो, दूरदर्शन, सोशल मीडिया और समाचार पत्रों के माध्यम से जारी चेतावनियों का पालन करने की अपील की। उन्होंने सड़क पर रहने वाले लोगों, बुजुर्गों और पालतू जानवरों की सुरक्षा पर भी जोर दिया।
जिला आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ डॉ. प्रभाकर सिंह ने बताया कि जनपद में तहसील परिसरों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में कुल 13 रैन बसेरों का संचालन किया जा रहा है। प्रत्येक रैन बसेरे में स्वच्छ जल, शौचालय, साफ-सफाई, बिस्तर, देखभालकर्ता और सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
आपात स्थिति में संपर्क करें
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जिला आपदा कंट्रोल रूम: 05192-285260
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टोल फ्री नंबर: 1070, 1077, 112
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मोबाइल: 9454441081, 9452662412
जिलाधिकारी कार्यालय, बांदा द्वारा जनहित में जारी—"आपकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता"
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