झांसी से खजुराहो तक का सफर हुआ सुगम, 6 घंटे से अब 2 घंटे में पहुंच जायेंगे खजुराहो
मध्यप्रदेश का प्रमुख पर्यटन स्थल खजुराहो चंदेलकालीन विशिष्ट मंदिरों के लिए देश विदेश में विश्वविख्यात है पर्यटक स्थल तक सड़क के रास्ते..
- बुन्देलखण्ड के पर्यटन विकास को मिलेगा नया आयाम
मध्यप्रदेश का प्रमुख पर्यटन स्थल खजुराहो चंदेलकालीन विशिष्ट मंदिरों के लिए देश विदेश में विश्वविख्यात है पर्यटक स्थल तक सड़क के रास्ते सैलानियों का पहुंचना अब सुखद , आसान व कम बजट में होने जा रहा है। एक साल के बिलम्ब के बाद आखिरकार खजुराहो - झांसी की फोरलेन सड़क पर अब गाड़ियां फर्राटे से दौड़ सकेंगी।
फोरलेन सड़क के निर्माण पूर्ण होने से छह घंटे का सफर अब मात्र दो घंटे में तय हो सकेगा। पहले हवाई सेवा व रेल सेवा की सुविधाओं के बाद गुणवत्तायुक्त सड़क के निर्माण से खजुराहो में पर्यटन के अपने चरम पर पहुँचने की सम्भावनाएं बढ़ रही हैं , खजुराहो एवं उसके आस पास कई ऐसे स्थान वाटरफॉल आदि हैं जो कि हमेशा से पर्यटकों को लुभाते रहे हैं।
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- खजुराहो - जो कि चंदेलकालीन संस्कृति के अनूठे मंदिरों के लिए है विश्वविख्यात है ।
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में विश्व का विख्यात पर्यटक स्थल खजुराहो है। खजुराहो जिसको चंदेला शासकों द्वारा 9 वीं से 11वीं सदी में बनवाए मंदिरों के लिए जाना जाता है। विशेषकर शैव मंदिरों एवं मंदिरों में बनी मैथुन रत मूर्तियों ने खजुराहो को एक आकर्षक पर्यटक स्थल बना दिया है।
जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में देशी - विदेशी पर्यटक हमेशा से खजुराहो आते रहे हैं। खजुराहो में मंदिरों के अलावा पन्ना टाइगर रिजर्व , पांडव जल प्रपात , रनेफाल जलप्रपात , कुटनी डैम , विविध प्रकार के तीन संग्रहालय , सांस्कृतिक केन्द्र के अलावा खजुराहो में हर साल खजुराहो नृत्य समारोह व खजुराहो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन होता है।
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- आम जनमानस के लिए खजुराहो पहुंचना अभी तक बड़ा कष्टप्रद एवं महँगा रहा है ।
खजुराहो जो कि दस हजार की आबादी का एक छोटा सा गांव है। परन्तु पर्यटकों की बढ़ती संख्या के कारण तेजी से होटल इंडस्ट्री विकसित हुई। खजुराहो में पांच सितारा व तीन सितारा होटलों के अलावा बड़ी संख्या में बजट होटल भी हैं।
1978 में खजुराहो में हवाई अड्डा बनकर चालू हो गया था। जहां पर नियमित उड़ानें थीं। 2008 में खजुराहो को रेलवे लाईन से भी जोड़ दिया गया। लेकिन सड़क मार्ग बदहाल ही रहा। झांसी से खजुराहो की 186 किलोमीटर की दूरी को तय करने में 5 -6 घंटे लगते थे। खराब सड़क के कारण सफर बड़ा कष्टप्रद था।
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- फोरलेन के माध्यम से अब मात्र दो घंटे में पहुंच सकेंगे खजुराहो
झांसी - खजुराहो को जोड़ने के लिए फोरलेन सड़क निर्माण को हरी झंड़ी दी गई। 2010 करोड़ रुपए की लागत से सड़क का निर्माण फरवरी 2018 में शुरु हुआ था। जिसे नवम्बर 2020 में पूरा होना था।
लेकिन भूमि अधिग्रहण करने व अतिक्रमण को हटाने में हुई देरी होने के कारण फोरलेन सड़क के निर्माण में लगभग एक वर्ष का विलम्ब हो गया। 28 मीटर चौड़ी सड़क केे निर्माण के लिए यूपी व एमपी के 34 गांवों के 6306 किसानों की जमीन अधिगृहीत की गई है।
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- 5000 से अधिक हरे पेड़ो को सड़क निर्माण के दौरान काटना पड़ा
झांसी - खजुराहो फोरलेन के लिए सड़क के चौड़ीकरण के वास्ते सड़क के दोनों ओर लगे 5000 से अधिक हरे पेड़ों को काटना पड़ा है। इस फोर लेन में 6 बड़े पुल , 18 छोटे पुल , 21 अंडरब्रिज पास का निर्माण किया गया है। पूरे मार्ग को दिल्ली , नोएडा , एनसीआर की तर्ज पर अत्याधुनिक रूप दिया जा रहा है।
केन्द्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी खजुराहो - झांसी फोरलेन सड़क का इंदौर में सांकेतिक लोकार्पण भी कर चुके हैं। झांसी - खजुराहो फोरलेन सड़क का निर्माण हो जाने से न केवल पर्यटन उद्योग को पंख लग जायेंगे बल्कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास में भी यह सड़क मील का पत्थर साबित हो सकती है।
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