चित्रकूट धाम मंडल में अस्थाई जेल महफूज नहीं, हमीरपुर से कैसे भागा एक और कैदी ?
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण जेल में बंद कैदियों को संक्रमण से बचाने के लिए शासन द्वारा अस्थाई जिलों की व्यवस्था की गई है लेकिन यह जेले महफूज नहीं है।
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण जेल में बंद कैदियों को संक्रमण से बचाने के लिए शासन द्वारा अस्थाई जिलों की व्यवस्था की गई है लेकिन यह जेले महफूज नहीं है, क्योंकि पर्याप्त सुरक्षा न होने से कैदी चकमा देकर भाग जाते हैं।बीती रात भी हमीरपुर की अस्थाई जेल से एक कैदी भाग निकलने में सफल रहा, जिसे 15 घंटे बाद भी पुलिस पकड़ पाने में नाकाम रही है।
बताते चलें कि जो भी नए कैदी आते हैं। उन्हें सीधे जेल में भेजने के बजाय 14 दिनों तक अस्थाई जेलों में रखा जाता है।जनपद हमीरपुर में सरदार पटेल बालिका इंटर कॉलेज में कैदियों के लिए अस्थाई जेल बनाई गई है।इसी में थाना लालपुरा के कुमह्ऊपुर गांव का निवासी सूरज सिंह पुत्र राम प्रकाश सिंह एनडीपीएस एक्ट में बंद था। गुरुवार की रात वह पुलिस की को चकमा देकर भाग निकला। पहले तो जेल प्रशासन द्वारा उसकी खोजबीन की गई जब वह पुलिस के हाथ नहीं आया तब जेल के डिप्टी जेलर ने शहर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया है ,लेकिन 15 घंटे बाद भी भागा हुआ कैदी पुलिस के हाथ नहीं आ पाया है।
इसी तरह चित्रकूट जिले में अस्थाई जेल से 15 दिन पहले दो कैदी फरार हो गए थे। खोह के कोविड-19 अस्पताल में बलात्कार के मामले में आरोपी कैदी रज्जू और बृजलाल को रखा गया था जो कोरोना संक्रमित पाए गए थे।दोनों कैदी पुलिस को चकमा देकर भाग निकलने में सफल हो गए थे। हालांकि बाद में पुलिस पकड़ने में कामयाब हो गई थी।इसी तरह चित्रकूट मंडल के बांदा में भी बनाई गई अस्थाई दें सुरक्षित नहीं है।