कथा के विश्राम दिवस पर भागवताचार्य ने बताई गुरु की महिमा
श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के विश्राम दिवस में भागवत पीठ संस्थापक आचार्य नवलेश जी महाराज ने बताया...
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गुलाब की तरह रहो, दीपक की भांति जलो: नवलेश महाराज
चित्रकूट(संवाददाता)। श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के विश्राम दिवस में भागवत पीठ संस्थापक आचार्य नवलेश जी महाराज ने बताया कि गुरु भक्ति योग में शारीरिक, मानसिक, नैतिक और आध्यात्मिक हर प्रकार के अनुशासन का समावेश है। गुरु लीला की महिमा जो कान नहीं सुन सकते वह कान सचमुच बहरे हैं। आचार्य ने बताया जो मनुष्य अपनी निंदा सह लेता है उसने सारे जगत पर विजय प्राप्त कर ली। ऐसा समझो दूसरों के अवगुण सुनकर खुश न हो और स्वयं सदा अवगुणों से बचते रहो। जीवन को ज्ञान के प्रकाश से अलौकिक कीजिए। यदि तुम परमात्मा का प्रसाद चाहते हो तो स्वयं गुलाब के फूलों की तरह रहो। दीपक की तरह जलो और अगरबत्ती बनकर सुगंध बांटो। यह संसार है। यहां बुरा करेगा तो बुरा होगा और भला करेगा तो भला होगा। भिक्षा से अन्न, धन प्राप्त कर दृष्टिबाधित सूरी माता को भागवत कथा सुनाते हुए आचार्य नवलेश महाराज ने कहा कि जीवन में भागवत एक बार सबको सुनना चाहिए। सभी ग्रामवासियों ने भागवत का आनंद लिया। प्रसाद आरती के साथ कथा का विश्राम हुआ।
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