रेलवे सुरक्षा में नया अध्याय : कवच प्रणाली का मथुरा–पलवल खंड में सफल परीक्षण
भारतीय रेलवे ने संरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज करते हुए उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल के मथुरा–पलवल खंड में कवच प्रणाली का सफल...

आगरा। भारतीय रेलवे ने संरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज करते हुए उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल के मथुरा–पलवल खंड में कवच प्रणाली का सफल परीक्षण किया। इस लोको ट्रायल में पीछे से और आमने-सामने की टक्कर के सिमुलेशन शामिल थे, जिन्हें कवच प्रणाली ने पूरी तरह सफलतापूर्वक निष्पादित किया।
परीक्षण के लिए केरनक्स कवच युक्त लोको 35023 WAP-5 (गाजियाबाद) और एचबीएल कवच युक्त लोको 30234 WAP-7 (तुगलकाबाद) का उपयोग किया गया।
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रियर एंड कोलिजन परीक्षण के दौरान, लोको-1 को होम सिग्नल के आगे और लोको-2 को पीछे ऑटो सिग्नल पर खड़ा किया गया। सिग्नल ओवरराइड के बाद जैसे ही लोको-2, लोको-1 की ओर बढ़ा, कवच प्रणाली सक्रिय हो गई और लोको-2 लगभग 326 मीटर पहले ही रुक गया, जिससे संभावित टक्कर टल गई।
हेड-ऑन कोलिजन परीक्षण में, लोको-1 को होम सिग्नल के आगे खड़ा कर विपरीत दिशा में चलाया गया और दिशा स्थापित होने के बाद लोको-2 ने ब्लॉक खंड में प्रवेश किया। कवच प्रणाली के सक्रिय होने से लोको-2 5 किमी से अधिक दूरी पर रुक गया और आमने-सामने की टक्कर को टाल दिया गया।
इन सफल परीक्षणों ने साबित कर दिया कि कवच प्रणाली रेलवे सुरक्षा में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। इसके उपयोग से न केवल यात्रियों की सुरक्षा में वृद्धि होगी बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना भी न्यूनतम होगी।
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भारतीय रेलवे ने कवच प्रणाली को और उन्नत बनाने तथा देशभर में इसके व्यापक क्रियान्वयन के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। रेलवे का मानना है कि यह तकनीक सुरक्षा के एक नए युग की शुरुआत करेगी और यात्रियों को अधिक सुरक्षित और निश्चिंत यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी।
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