प्रतिबंधित पेटिज बिक्री में झांसी रेलवे बैकफुट पर, दाग धोने में जुटा
प्लेटफार्म पर स्टालों की चैकिंग के नाम पर हो....
- प्लेटफार्म पर स्टालों उजागर होने पर, रेल प्रशासन दाग धोने में जुटा
पिछली 5 मार्च को झाँसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर स्थित स्टाल पर उजागर हुआ प्रतिबंधित पेटिज बिक्री का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा। यात्रियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ के मामले से बैकफुट पर आए स्थानीय रेलवे अधिकारियों ने दाग धोने की कवायद शुरू कर दी गई है।
- प्लेटफार्म पर स्टालों की चैकिंग के नाम पर हो रही औपचारिकता
आपको बता दें, कि पिछली 5 मार्च को झाँसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर स्थित खान-पान स्टॉल के काउंटर से खुलेआम की जा रही सड़ी बदबूदार प्रतिबंधित पेटिज की बिक्री का पर्दाफाश एक संस्था ने करते हुए रेलवे अधिकारियों को अवगत कराया था। इस मामले की जानकारी जनहित में ट्विटर के माध्यम से रेल मंत्रालय सहित संबंधित उच्च अधिकारियों को देकर कार्रवाई करने की अपेक्षा की गई थी। तत्पश्चात मामले को गर्माते देख वहां से पेटिज की बिक्री तत्काल बन्द करा दी गई थी। इस मामले में उच्च रेल अधिकारियों द्वारा उच्च स्तरीय जांच भी शुरू कर दी गई।
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हालत को देखते हुए रेलवे अधिकारियों ने प्लेटफॉर्म के स्टालों की चैकिंग की औपचारिकता शुरू कर यह जताने की कोशिश की जा रही है कि सभी स्टालों पर बिक रही खाद्य सामग्री सही व मानक के अनुरूप है। सूत्रों के अनुसार इस ठीक ठाक के पीछे वह टीम काम कर रही है जिस पर कार्रवाई की गाज गिरना है।
यह टीम चेकिंग होने की जानकारी स्टॉल संचालकों को पहले ही दे देती है। इससे वहां पर कार्यरत वैंडर्स प्रतिबंधित सामग्री को पहले ही हटा देते हैं। ऐसा ही नजारा मंगलवार को प्लेटफार्म पर देखने को मिला।
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यदि रेल प्रशासन को वास्तविकता का पता लगाना है तो प्लेटफार्म पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की चेकिंग क्यों नहीं करता। इससे दूध का दूध व पानी का पानी उजागर होने में देर नहीं लगेगी। फुटेज से हकीकत उजागर हो जाएगी और जिम्मेदार रेल मशीनरी की पोल खुल जाएगी।