जगद्गुरु ने दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का किया शुभारंभ
जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय एवं यंजना आर्ट एंड कल्चर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित...

सेमिनार में जगदगुरु ने अवधी भाषा का बताया महत्व
चित्रकूट। जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय एवं यंजना आर्ट एंड कल्चर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ आजीवन कुलाधिपति जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने किया।
अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार में गोस्वामी तुलसीदास सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं सामाजिक परिप्रेक्ष्य विषय पर रहा। पद्म विभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास महान विद्वान संत है। उनकी रचित रामायण अवधी भाषा में आज विश्व प्रसिद्ध रामचरितमानस जनमानस के समस्त समस्याओं का समाधान है। अवधी भाषा की महत्ता पर प्रकाश डाला और अवधी भाषा को समुच्य भाषा माना है। प्रथम सत्र में कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री विधा बिंदु सिंह ने कहा कि अवधी भाषा लोकलय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इस भाषा से सबको गौरव मिलता है। वर्तमान समय में फिल्मों में भी अवधी और भोजपुरी भाषा फिल्म का निर्माण हो रहा है जो कि एक महत्वपूर्ण योगदान है। मंच पर कुलपति प्रो शिशिर कुमार पांडेय ने जीवनपर्यन्त कुलाधिपति जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज और उनके उत्तराधिकारी रामचंद्र दास महाराज का स्वागत अभिनन्दन किया। द्वितीय सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम में विवि के डीन महेंद्र कुमार उपाध्याय, डा हरिकांत मिश्रा, डा सुशील कुमार, विनोद कुमार मिश्र, डा गुलाब धर, डा निहार मिश्रा, डा ज्योति, डा भविष्या माथुर, डा संध्या पांडेय, डा विशेष दुबे, डा किरण तिवारी, डा शांत चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।
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