बुंदेलखंड में अन्ना गोवंशों से मिलेगी निजात, योगी सरकार ने खोला खजाना, टीवीसीसी बनने की राह आसान
कृषि विश्वविद्यालय बांदा में टीचिंग वेटरनरी क्लीनिकल कांप्लेक्स (टीवीसीसी) बन जाने से बुंदेलखंड बेसहारा पशुओं...
बांदा,
कृषि विश्वविद्यालय बांदा में टीचिंग वेटरनरी क्लीनिकल कांप्लेक्स (टीवीसीसी) बन जाने से बुंदेलखंड बेसहारा पशुओं से मुक्त हो जाएगा। बुंदेलखंड क्षेत्र में यह इकलौता कृषि विश्वविद्यालय है। जहां पशुपालन आधारित कृषि है। टीवीसीसी न बनने से पशुपालन महाविद्यालय में रोड़ा अटका था, अब योगी सरकार ने 29 करोड़ रुपए का बजट देने का प्रावधान किया है। जिससे टीवीसीसी भवन जाने से पशुपालन महाविद्यालय को मान्यता मिलने का रास्ता आसान हो गया है।
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बांदा शहर में बसपा के शासन काल में कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय की स्थापना दो दशक पहले हुई थी। विश्वविद्यालय मे इस समय वानिकी, उद्यान, गृह विज्ञान, कृषि महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं। वर्ष 2014 में पशुपालन महाविद्यालय के लिए करीब 36 करोड़ रुपये मिले थे। इस महाविद्यालय का भवन करीब आठ वर्ष पहले बनकर तैयार हो गया था, लेकिन इसकी मान्यता में पेंच फंसा था। बिना टीवीसीसी के मान्यता नहीं मिल पा रही थी।
तत्कालीन कुलपति डा.यूएस गौतम के प्रयास से डेढ़ वर्ष पहले पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय में टीचिंग वेटनरी क्लीनिकल कांपलेक्स (टीवीसीसी) के निर्माण की स्वीकृति मिली। करीब 37 करोड़ छह लाख 98 हजार रुपये का अनुमोदन मिला। वित्तीय वर्ष 2021-22 में तीन करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया था। इसमें प्रथम किश्त के रूप में डेढ़ करोड़ रुपये मिले थे। इससे भवन का निर्माण करीब 15 प्रतिशत पूरा हो गया है।
अब बजट का इंतजार था। योगी सरकार ने बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पशुपालन महाविद्यालय में क्लीनिक बनाने के लिए करीब 18 करोड़ का प्रावधान किया है। इसके बनने के बाद पशुपालन महाविद्यालय की मान्यता मिलने की राह आसान हो जाएगी। साथ ही करीब पांच करोड़ रुपये सड़क बनाने और साढ़े चार करोड़ रुपये टाइप-4 आवास बनाने और डेढ़ करोड़ टाइप-1 आवास के लिए स्वीकृत किए गए हैं।
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेंद्र प्रताप सिंह का मानना है कि टीचिंग वेटरनरी वेटनरी क्लीनिकल कांप्लेक्स बन जाने से बुंदेलखंड के पशुपालकों के लिए वरदान साबित होगा। टीवीसीसी की वजह से यहां पशुपालन महाविद्यालय शुरू नहीं हो पा रहा था। अब प्रदेश सरकार ने बजट देकर सारी मुश्किलें आसान कर दी हैं। कृषि विश्वविद्यालय बुंदेलखंड की सबसे बड़ी समस्या गोवंशों को बेसहारा छोड़ने की प्रथा रोकने पर काम कर रहा है। इसके लिए विश्व विद्यालय में आधुनिक गौशाला खोली गई है। यहां बेसहारा पशुओं का नस्ल सुधार कर दुधारु बनाने का काम किया जा रहा है। लैब शुरु हो जाने पर इसमें तेजी से काम होगा ।
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