फर्जी निवास प्रमाण पत्र मामले में एचसी ने सरकार को जारी किया नोटिस
लम्बे समय से विभिन्न समुदाय के कई लोगों द्वारा शासन एवं प्रशासन को शिकायतें इस बात की जाती रही है कि..
लम्बे समय से विभिन्न समुदाय के कई लोगों द्वारा शासन एवं प्रशासन को शिकायतें इस बात की जाती रही है कि पन्ना जिले के अजयगढ़ तहसील के पडोसी जिला बांदा के निवासी प्रजापति समाज के लोगों द्वारा अजयगढ़ तहसील से फर्जी निवास पत्र बनवाकर विभिन्ना विभागों में शासकीय नौकरियां प्राप्त् की जिसको लेकर वर्ष 2006 में मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव कलेक्टार पन्ना को जांच के लिए आदेश किये थे।
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जिस पर उस समय पदस्थ रही कलेक्टर श्रीमती दीपाली रस्तोगी ने वर्ष 2006 में शासन को जांच उपरांत लगभग 66 प्रजापति समुदाय के बांदा जिला उत्तशर प्रदेश के निवासियों द्वारा फर्जी तौर पर निवास प्रमाण पत्र बनाये जाने की पुष्टि की थी, लेकिन बाद में यह मामला ऐन केन प्रकारेण ठण्डे बस्ते में चला गया कोई कार्यवाही नहीं हुई उसके बाद अजयगढ निवासी देशराज प्रजापति ने हाई कोर्ट जबलपुर में जनहित याचिका दायर की लगभग 70 ऐसे लोगों द्वारा जो बांदा जिला के रहने वाले हैं।
प्रजापति समुदाय के हैं जिन्होंने अजयगढ़ तहसील से फर्जी तौर पर मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाकर शासकीय नौकरियां हासिल की है। जिस पर सोमवार को चीफ जस्टिस हाईकोर्ट जबलपुर रवि मलिमठ एवं न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्लाप की डिवीजन बैंच ने मध्य प्रदेश के शासन चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर चार सप्तााह के अदंर जबाब देने के निर्देश देते हुए कहा है कि उक्त मामले में न्यायिक जांच क्यों न कराई जाये। जिसकी अगली सुनवाई की स्थिति 7 दिसंबर तय की गई है। यदि वास्तव में न्यायिक जांच हो गई तो अभी तो 70 लोगों की सूची कुछ वर्ष पूर्व प्रस्तुत की गई थी, लेकिन अब यदि जांच कराई जाये तो लगभग कई गुना अधिक प्रजापति समाज के उत्तर प्रदेश निवासियों के फर्जी प्रमाण पत्र पाये जायेंगे।
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हि.स