MP में घोषणा के बावजूद बसें न चलने की वजह ये है
सरकार द्वारा 1 जून से रोडवेज बसें चलाने की घोषणा के बावजूद बसें नहीं चल पा रहीं क्योंकि चालक-परिचालक संघ ने हड़ताल की घोषणा की है।
भोपाल (हि.स.)
मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के दौरान लागू लॉकडाउन के चलते 22 मार्च के बाद से ही बसों का संचालन बंद हैं। एक जून से अनलॉक के बावजूद कोरोना संक्रमण को फैलाव को देखते हुए बसों का संचालन नहीं किया गया है। हालांकि, राज्य शासन ने बसों के संचालन की अनुमति दे दी है। इसके बावजूद अब तक बसें नहीं चल रही हैं, क्योंकि बस संचालक अपनी मांगों पर अड़े हैं और अब चालक-परिचालक संघ ने हड़ताल पर जाने की घोषणा भी कर दी है।
कोरोना संक्रमण के चलते तीन महीने से बसों का संचालन बंद है, लेकिन सरकार से अनुमति मिलने के बाद एक जुलाई से बसें शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन अब चालक-परिचालक संघ ने अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर में हड़ताल करने की घोषणा की है। प्रदेशभर के चालक-परिचालक एक जुलाई से हड़ताल पर जाने वाले हैं। उनका कहना है कि अगर सात जुलाई तक मांगों का निराकरण नहीं होने पर आगे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू होगी।
संगठन के मिलिंद चौधरी ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संकट के चलते चालक, परिचालकों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा है। पूर्व में भी प्रशासन को आर्थिक सहायता के लिए अवगत कराया गया। संघ ने मांग की है कि बसों के चालक और परिचालकों को तीन माह का वेतन 7500 रुपये प्रतिमाह की दर से मुख्यमंत्री राहत कोष, श्रम विभाग मंत्रालय, परिवाहन मंत्रालय से दिलाया जाए। केंद्र सरकार से जारी सहायता राशि भी चालक और परिचालकों को मिले। गरीबी रेखा, संबल योजना, बीमारी सहायता योजना में पंजीयन कराया जाए और 17 फरवरी 2014 को मुख्यमंत्री द्वारा महापंचायत में की गई चालक, परिचालक आयोग के गठन एवं 10 करोड़ रुपये वार्षिक फंड देने की घोषणा पर अमल किया जाए। इन्हीं मांगों को लेकर प्रदेशभर में चालक, परिचालक यूनियन 1 से 7 जुलाई तक हड़ताल कर आंदोलन कर रहे हैं।