सबसे पहले इस बौरा ने देखी थी डूबती नाव, उसी नाव की बना रहा था वीडियो
बांदा मर्का का रहने वाला मूकबधिर पिंटू शुक्ला उर्फ बौरा अगर घाट पर मौजूद न होता तो शायद लोगों को नाव...
बांदा मर्का का रहने वाला मूकबधिर पिंटू शुक्ला उर्फ बौरा अगर घाट पर मौजूद न होता तो शायद लोगों को नाव डूबने की जानकारी पुलिस-प्रशासन और स्थानीय लोगों को समय से न मिल पाती और 15 लोगों की जान न बच पाती। बौरा ने जब घाट से नाव को डूबता देखा तो बाजार की तरफ दौड़ लगाई।
मर्का थाने के ठीक सामने लोगों को रोक-रोककर इशारों से नाव डूबने की घटना की जानकारी दी। उसके इशारों को समझने वाले स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस-प्रशासन को अवगत कराया और घाट की ओर दौड़े।
जिस समय घाट से मुसाफिरों को लेकर नाव यमुना में रवाना हुई थी, उस दौरान पिंटू शुक्ला उर्फ बौरा ही घाट पर मौजूद था। मूकबधिर होने की वजह से बौरा बोल जरुर नहीं पाता है, लेकिन अपने हाथों के जरिए इशारे कर लोगों को बहुत कुछ बता देता है। बताते हैं कि नाव रवाना होते ही बौरा शौक में मिट्टी के टीले पर बैठ वीडियो बना रहा था।
मझधार में जब पहुंचने के बाद नाव डगमगाई और डूबने लगी तो बौरा लोगों को जानकारी देने के लिए आवाज लगाने लगा। घाट पर मौजूद कुछ लोगों ने देखा तो वह बचाव के लिए यमुना में कूद भी पडे़। इधर, बौरा ने घाट से बस्ती की तरफ दौड़ लगाई। रास्ते में वह कई बार दौड़ने के बाद गिर भी पड़ा। फिर भी हिम्मत नहीं हारा और बाजार पहुंचा।
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उसने अपने इशारों से लोगों को नाव डूबने की जानकारी दी। गांव के ज्यादातर लोग बौरा के इशारों को समझ लेते है। आखिरकार उसकी बातों पर यकीन करते हुए लोग घाट की तरफ दौड़ पडे। पुलिस प्रशासन को भी सूचना दी। इसके बाद प्रशासनिक अमला भी पहुंच गया। बौरा अपने इशारों में पूरी घटना को लोगों के सामने अब भी बयां कर रहा है।
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