बांदा में दुर्गा प्रतिमाएं तैयार, गाइडलाइन जारी न होने से असमंजस में भक्त व मूर्तिकार

एक सप्ताह बाद जनपद में शारदीय नवरात्र शुरू होना है लेकिन हर बार की तरह इस बार जनपद में दुर्गा पंडाल सजाएंगे या नहीं इस बात को लेकर अभी भी देवी भक्त और मूर्तिकार दोनों असमंजस में है..

बांदा में दुर्गा प्रतिमाएं तैयार, गाइडलाइन जारी न होने से असमंजस में भक्त व मूर्तिकार
दुर्गा प्रतिमाएं बनाता मूर्तिकार

एक सप्ताह बाद जनपद में शारदीय नवरात्र शुरू होना है लेकिन हर बार की तरह इस बार जनपद में दुर्गा पंडाल सजाएंगे या नहीं इस बात को लेकर अभी भी देवी भक्त और मूर्तिकार दोनों असमंजस में है ,जबकि शहर में आधा सैकड़ा से ज्यादा मूर्तियां बनकर तैयार हैं।अब तक प्रशासन की ओर से गाइडलाइन जारी न होने से केंद्रीय दुर्गा समिति के पदाधिकारी भी लगातार प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं।

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शारदीय नवरात्रि में में अकेले शहर में ही 200 से अधिक दुर्गा प्रतिमाएं रखी जाती हैं ।इसी तरह जनपद के नरैनी, अतर्रा ,तिंदवारी और बबेरू में सैकड़ों दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित की जाती है, लेकिन इस बार कोरोना के कारण दुर्गा पंडाल सजाए जाने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी है हालांकि अनलॉक 4 में धार्मिक एवं राजनीतिक आयोजनों के लिए 100 लोगों की छूट दी गई है लेकिन इसके बाद भी शासन और प्रशासन दुर्गा पंडालों को लगाए जाने के लिए कर कोई स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं कर सका है।

इधर गत वर्षो की भांति भले ही कोलकाता  से आकर मूर्तियां तैयार करने वाले मूर्तिकार न आए हो लेकिन कई स्थानीय मूर्ति कारों ने मूर्तियां तैयार की है।अकेले शहर में एक सैकड़ा से ज्यादा मूर्तियां बनकर तैयार हो गई हैं। इनमें रंग रोगन भी कर दिया गया है।शहर के स्वराज कॉलोनी में मूर्तिकार 70 मूर्तियां तैयार की है। मूर्तिकार का कहना है कि अगर शासन द्वारा गाइडलाइन जारी नहीं की गई तो हमारी सारी पूंजी मूर्तियों में फंस जाएगी और हम लोग सड़क पर आ जाएंगे।

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मूर्तिकार मायूस

मूर्तिकार रामजी शर्मा  का कहना है कि प्रतिमा बनाने में 10 से 12 लोग लगते हैं। प्रत्येक प्रतिमा पर लगभग 800 से 1000 रुपये खर्च आता है। अधिकांश प्रतिमाएं तैयार हो गई हैं। कहा, जिनसे एडवांस पैसा ले लिया है, उन्हें कहां से वापस करेंगे । यहां प्रतिमाओं की बुकिग भी के दौरान मूर्तियां स्थापित न होने पर बयाना लौटाने की शर्त भी है, उनके यहां 50 मूर्तियां बनकर तैयार हो गई हैं। एक मूर्ति की लागत करीब पांच हजार पड़ रही है, यदि प्रशासन ने अनुमति नहीं दो उनका बड़ा नुकसान हो जायेगा।

अनिश्चितता से भक्त परेशान

इधर जनपद में दुर्गा महोत्सव को लेकर युवाओं में खासा उत्साह है। लेकिन कोरोना संक्रमण और प्रशासन की चुप्पी उन्हें परेशान किए है। उनके मन में इस बार महोत्सव को लेकर अनिश्चितता बनी है। प्रशासन व शासन से दुर्गा महोत्सव को लेकर कोई गाइड लाइन न जारी होने से उनकी सांसे थमी हैं।

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दुर्गा पूजा समिति का प्रयास

जारीइस बीच केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति प्रशासन को तीन बार ज्ञापन देकर नवरात्र महोत्सव के बारे में गाइडलाइन जारी करने की मांग कर चुका है लेकिन प्रशासन की ओर से किसी तरह की सकारात्मक जानकारी नहीं दी गई।इस बारे में समिति के संरक्षक नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार गुप्त राज ने बताया कि समिति अभी भी प्रशासन से इस मसले में बातचीत कर रही हैं।

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