स्वदेशी मेले के छठवें दिन मंत्री कुशवाहा हुए शामिल
छठवें दिन स्वदेशी मेला में भारतीय संस्कृति और स्वदेशी वस्तुओं की झलक ने हर किसी को आकर्षित किया...
मेला परिसर घूमकर कहा- यही है मेरी स्वदेशी संस्कृति
श्री हनुमान जी की लीला की शानदार प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया
दमोह। छठवें दिन स्वदेशी मेला में भारतीय संस्कृति और स्वदेशी वस्तुओं की झलक ने हर किसी को आकर्षित किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मध्य प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा ने मेले का भ्रमण किया। उन्होंने मेला परिसर का अवलोकन करते हुए कहा, "यही हमारी स्वदेशी संस्कृति की असली पहचान है।"
इस आयोजन में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रंजीता गौरव पटेल, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष विद्यासागर पांडे, एडवोकेट सुरेश मेहता, प्रिंस जैन, हरिश्चंद्र पटेल, और कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे। मंच संचालन का जिम्मा डॉ. आलोक सोनवलकर ने संभाला।
मंत्री कुशवाहा ने अपने उद्बोधन में आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन स्वदेशी वस्त्र, हस्तशिल्प, और उत्पादों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करते हैं।
श्री हनुमान जी की लीला ने बांधा समां
कार्यक्रम के दूसरे चरण में युवा नाटक मंच, दमोह द्वारा प्रस्तुत "श्री हनुमान लीला" ने दर्शकों का मन मोह लिया। इस शानदार प्रस्तुति के निर्देशक राजीव अयाची, संगीत संयोजक किशन राय, और लेखक योगेश त्रिपाठी थे। मंचन में अनिल खरे, देवेश श्रीवास्तव, अमृता जैन, और अन्य कलाकारों ने अपनी अदाकारी से कार्यक्रम को यादगार बना दिया।
कुटुंब प्रबोधन नारी शक्ति समागम
स्वदेशी मेला के अंतर्गत आयोजित "कुटुंब प्रबोधन नारी शक्ति समागम" में महिला सशक्तिकरण, महिला अधिकार, और संयुक्त परिवार की अवधारणा जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता हाई कोर्ट की अधिवक्ता निर्मला नायक ने की, जबकि मुख्य अतिथि प्रीति राजू कमल ठाकुर और विशिष्ट अतिथि लायंस क्लब की अध्यक्ष रोजी बग्गा रहीं।
सलाद सजाओ प्रतियोगिता ने बढ़ाया उत्साह
स्वदेशी मेले में "सलाद सजाओ प्रतियोगिता" का आयोजन भी हुआ, जिसमें महिलाओं और बच्चियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्रीति असाटी, त्रिशला असाटी, मधु असाटी, तनुजा असाटी, और अन्य प्रतिभागियों की रचनात्मकता ने सभी का दिल जीत लिया।
यह आयोजन न केवल स्वदेशी वस्तुओं को प्रोत्साहन देने का माध्यम बना बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपराओं, और रचनात्मकता को मंच प्रदान करने का एक शानदार प्रयास भी सिद्ध हुआ।
दमोह से इम्तियाज़ चिश्ती की रिपोर्ट...