कोरोना मरीजों  की कलाई भी नहीं रही सूनी

भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्यौहार रक्षाबंधन परंपरागत तरीके से हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया...

कोरोना मरीजों  की कलाई भी नहीं रही सूनी
कोरोना मरीजों  की कलाई भी नहीं रही सूनी

इस अवसर पर बहनों ने भाइयों की कलाई में रेशम का धागा बांधकर अपना प्यार लुटाया। वही कोरोना संक्रमित मरीजों की कलाई भी मेडिकल कॉलेज में सोनी नहीं रही।यहां ड्यूटी पर तैनात नर्सों ने उनकी कलाई में रक्षा सूत्र बांधकर रक्षा का संकल्प दिलाया।

यह भी पढ़ें : श्रीराम जन्मभूमि के लिए बलिदान देने वालों के सपने पांच अगस्त को होंगे साकार

परंपरागत तरीके से शुभ मुहूर्त में राखी बंधवाने का सिलसिला सुबह से शुरू रहा। भाइयों ने बहन के घर में पहुंच कर राखी बंधवाई ,वही छोटे बच्चों ने अपने भाई को राखी बांधकर मुंह मीठा कराया। बच्चों में रक्षाबंधन का उल्लास देखते ही बन रहा था, वैसे इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोनावायरस चलते रक्षाबंधन में भी ज्यादा उत्साह नजर नहीं आ रहा ।

यह भी पढ़ें : प्रभु श्रीराम की दूसरी अयोध्या 'ओरछाधाम' में 'योगेश्वर श्रीकृष्ण' करने आते थे 'रासलीला'

महामारी के चलते ही बड़ी संख्या में बहने अपने भाइयों के पास नहीं पहुंच सकी या तो उन्होंने डाक से राखियां भेजी या फिर घर पर रहकर ही बहनों ने भाई की लंबी उम्र के लिए दुआ मांगी।

यह भी पढ़ें : "स्वयं के पराक्रम का उल्लेख करना शर्मिंदगी में डालता है"

इधर जो मरीज संक्रमित होकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं उनकी सूनी कलाइयों पर नर्सों ने राखी बांधी।यहां पर बनारस की किरण सिस्टर ने कोरोना मरीजों की कलाई में राखी बांधकर सभी के चेहरे में मुस्कान बिखेरने का काम किया। बुन्देलखण्ड में रक्षाबंधन  के त्यौहार मजहब की दीवारें बाधक नहीं बनती। यहां मुस्लिम भाई भी हिंदू बहनों से राखी बनवाते हैं यह सिलसिला सदियों पुराना चला रहा है।

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0