सपा को देखकर कांग्रेस भी बदल रही है बांदा का टिकट
बात जब जातीयता की हो तो हर कोई इसे झुठलाने में लगा रहता है। पर राजनीति में जातीयता इस कदर अपनी जड़ें जमा...
बात जब जातीयता की हो तो हर कोई इसे झुठलाने में लगा रहता है। पर राजनीति में जातीयता इस कदर अपनी जड़ें जमा चुकी है कि पूरा चुनाव ही जातीय गणित के आधार पर लड़ा जाता है। जाति न देखी जाये तो चुनाव जीतना मुश्किल हो जाये। इसीलिए जातीय गणित को ध्यान में रखकर ही टिकटों का बंटवारा कर समीकरण फिट किये जाते हैं।
यह भी पढ़े - भाजपा ने निकाय चुनाव में मालती बासु समेत इन प्रत्याशियों को बनाया उम्मीदवार
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रद्युम्न कुमार लालू दुबे भी इसी उहापोह में फंसकर आज नामांकन के अंतिम दिन बांदा नगर पालिका के लिए प्रत्याशी बदलने में मजबूर हैं। हालांकि घोषणा होनी बाकी है लेकिन पुष्ट सूत्र इसी बात पर मुहर लगाने को कह रहे हैं कि बांदा नगर पालिका के लिए कांग्रेस का प्रत्याशी बदल दिया गया है। और कल घोषित की गयी प्रत्याशी साधना गुप्ता, जोकि पूर्व चेयरमैन संजय गुप्ता की धर्मपत्नी हैं, का टिकट कटने जा रहा है और कांग्रेस के कद्दावर नेता राजेश दीक्षित की धर्मपत्नी आदिशक्ति दीक्षित को उम्मीदवार बनाया जा रहा है। इस बात की घोषणा अभी खबर लिखे जाने तक नहीं हुई है पर खबर पक्की बताई जा रही है कि आदिशक्ति दीक्षित ही होंगी बांदा नगर पालिका की कांग्रेस उम्मीदवार।
यह भी पढ़े - महोबा का एक ब्रांड बन गया एमकॉम चाय वाला,आइये जानतें हैं इनके बारे में
ये जातीय गणित का ही कमाल है कि सपा ने सबसे पहले साहू बिरादरी पर दांव लगाया तो भाजपा भी एक बार सोचने को मजबूर हुई कि पहले से तय वैश्य बिरादरी से किनारा करके किसी ब्राह्मण पर दांव लगायें। लेकिन जैसे ही सपा ने गीता देवी साहू का टिकट बदलकर ओम नारायण त्रिपाठी विदित की धर्मपत्नी रूचि को उम्मीदवार बनाया, वैसे ही भाजपा के लिए रास्ता साफ हो गया और उन्होंने वैश्य बिरादरी की मालती बासु, जोकि यहां के प्रसिद्ध मिष्ठान्न व्यवसायी रामकिशुन गुप्ता उर्फ बासू बाबा की धर्मपत्नी हैं, को टिकट थमा दिया गया। और इसी के साथ कांग्रेस ने भी अपने पूर्व चेयरमैन संजय गुप्ता की धर्मपत्नी साधना गुप्ता पर दांव लगाया। लेकिन आज जैसे ही खबर आई कि मोहन साहू की पत्नी को फिर से टिकट मिल गया है, वैसे ही कांग्रेस पर एक बार फिर से दबाव बना और हमारे खबरिया सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस आज ही थोड़ी देर में आदिशक्ति दीक्षित को उम्मीदवार बनाकर चुनाव को त्रिकोणीय बनाने का उपक्रम कर सकती है।
यह भी पढ़े - सपा में उठा-पटक से नतीजा फिर से बदला, मोहन बजायेंगे बंसी