माध्यमिक विद्यालयों में सक्षम अभिभावक बच्चों की फीस जमा करें
उत्तर प्रदेश की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने आज समस्त जिला अधिकारियों को भेजे पत्र में निर्देश दिए हैं की माध्यमिक विद्यालयों में 15 जुलाई तक ऑनलाइन शिक्षण कार्य शुरू कराया जाए और जो सक्षम अभिभावक हो वह फीस जमा करें।
शासन द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि वह अभिभावक जो, नियमित रूप से वेतन प्राप्त कर रहे हैं, उनके द्वारा भी शासनादेश के अनुसार मासिक रूप से शुल्क जमा नहीं किया जा रहा है जबकि विद्यालयों को शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को वेतन भुगतान किए जाने के शासन द्वारा निर्देश दिए गए हैं। ऐसी स्थिति में जो नियमित रूप से वेतन आदि प्राप्त कर रहे हैं ऐसे अभिभावक जो मासिक शुल्क जमा करने का सामर्थ रखते हैं, तथा नियमित वेतन भोगी सरकारी, सार्वजनिक उपक्रम, एवं अन्य अभिभावक जो इनकम टैक्स देते हो के द्वारा मासिक शुल्क प्राथमिकता के आधार पर जमा करने की कार्रवाई की जाए।
यह भी पढ़ें : "यूपी में मजदूरों को मिला काम, बाकी राज्यों में कब मिलेगा ?"
पत्र में यह भी कहा गया है कि लॉकडाउन के कारण उत्पन्न आर्थिक कठिनाइयों को दृष्टिगत रखते हुए जो अभिभावक शुल्क जमा करने में अपने आप को असमर्थ पाते हैं। उनके द्वारा शुल्क जमा न किए जाने के कारणों का उल्लेख करते हुए इस आशय का लिखित प्रार्थना पत्र संबंधित विद्यालय के प्रबंधक/प्रधानाचार्य के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। इस प्रार्थना पत्र पर सकारात्मक रूप से विचार करते हुए आसान किस्तों में शुल्क जमा करने को कहा जाए यदि तब भी किसी अभिभावक द्वारा शुल्क जमा नहीं किया जाता है तो उस छात्र को ऑनलाइन पठन-पाठन से वंचित न किया जाए और न ही इस आधार पर किसी छात्र का नाम विद्यालय से काटा जाए ।
इस पत्र के बारे में पूछे जाने पर जिला विद्यालय निरीक्षक विनोद कुमार सिंह ने बताया कि इसी पत्र के आधार पर सभी माध्यमिक विद्यालयों को पत्र निर्गत किए जा रहे हैं।अब इसी आधार पर विद्यालयों में शिक्षण कार्य और फीस की जमा कराने की कार्रवाई की जाएगी।