'दक्ष' की दक्षता

बुन्देलखण्ड के मध्य प्रदेष में जनपद छतरपुर में स्थित खजुराहो विश्व प्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्र है। जिसका धार्मिक, ऐतिहासिक महत्व भी है। इधर कुछ वर्षो से इस जनपद में शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रगति कर रहा है। इसी जिले के रहने वाले हैं, अजय लाल निगम। जिनके मन में शुरू से ही शिक्षा के क्षेत्र में कुछ अलग करके दिखाने की इच्छा थी। इसी संकल्प को मन में ठानकर इन्होंने दक्ष फार्मेसी और दक्ष आईटीआई स्कूल की स्थापना की। आज ये दोनों इकाई छतरपुर की पहचान बन गई है, साथ ही बचपन प्ले स्कूल से भी इन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में नई उड़ान भरी है। भविष्य में इसी क्षेत्र में कुछ नया करने का सपना संजो रखा है।
इन्होंने 2006-07 में फार्मेसी और बचपन प्ले स्कूल खोलने की योजना बनाई थी और 2007 में ही खोल दिया। उस समय छतरपुर में फार्मेसी पहला कालेज था और प्ले स्कूल भी पहला अपडेट था।
आइडिया -
वह इन शिक्षा मंदिरों की चर्चा करते हुए बताते है कि घर में सभी लोग शिक्षा के फील्ड में हैं। पिता जी की भी इच्छा थी कि हम लोग शिक्षा के क्षेत्र में कुछ ऐसा करके दिखाये जो अपने आप में अलग हो, क्योंकि एजुकेशन के महत्व को मैं जानता हूँ, खुद भी मैने बी.काम. और सी.ए. किया है। इस क्षेत्र में मैने जाॅब भी किया लेकिन इसे छोड़कर उद्यमिता पर ज्यादा जोर दिया। यही वजह है शिक्षा के क्षेत्र में आने का।
चैलेंज -
फार्मेसी काॅलेज के बारे में आने वाली कठिनाईयों के बारे में उन्होंने बताया कि उस समय पी.सी.आई. का एप्रेब्यूवल काफी कठिन था पहले दो एप्रेब्यूवल होते थे। एक शुरूआत में दूसरा डिग्री पूरी होने के बाद। मैंने इस मसले को एक महीने में निपटाया और विभाग से मिलकर हमेशा के लिए मामला सुलझा लिया। पहले सीट काफी खाली रह जाती थीं अब सीटें भर जाती है। इसी दौरान एक मैरिज गार्डन भी शुरू किया।
फ्यूचर विजन -
फार्मेसी काॅलेज/प्ले स्कूल, आई.टी.आई. काॅलेज और मैरिज गार्डन खोलने के बाद अजय लाल एक अच्छे स्तर का पब्लिक स्कूल खोलना चाहते हैं। वह कहते हैं कि दक्ष एक अच्छा ब्राण्ड बन चुका है। जिसकी क्वालिटी और बेहतर सेवा की अपनी अलग पहचान है। वह ऐसा पब्लिक स्कूल चाहते हैं कि स्वीमिंग पूल भी हो। स्ट्डी में एक्टीविटीज का बड़ा रोल होता है। इसीलिए वह कहते है कि यह स्कूल छतरपुर और मध्य प्रदेश में यूनिक होगा। उन्होंने युवाओं को सलाह दी है कि एजुकेशन और हार्डवर्क से अपने क्षेत्र में आगे बढ़ें और एजुकेशन अच्छे ढंग से करें।
यू.एस.पी. -
वह कहते है कि शिक्षा के क्षेत्र में क्वालिटी बेहतर करके चलना होता है। स्कूल खोलना और क्वालिटी बनाये रखने में काफी फर्क है। जब अभिभावक अपने बच्चे को स्कूल में छोड़कर जाते हैं तो बच्चे की पूरी जिम्मेदारी स्कूल पर होती है। उस जिम्मेदारी को अच्छे ढंग से निभाना चाहिए। बच्चे को समझ में आना चाहिए। ऐसे टीचर हो जो बच्चों को इस तरह से पढ़ाये जिससे उन्हें समझने में कठिनाई न हो। हमें बच्चे को शिक्षित करते समय इस बात पर भी ध्यान रखना होगा कि पढ़ाई के बाद उसे जाॅब में जाना है। अगर बेहतर शिक्षा नहीं मिलेगी तो उसे अच्छे अंक नहीं मिलेंगे। वह कहते है कि इस क्षेत्र में जो क्वालिटी देगा वहीं सफल होगा।
उद्यमियों के लिए सलाह -
कोई भी काम शुरू करने के लिए नए आइडिया होने चाहिए। हमें कुछ ऐसा सोचना चाहिए जो यहां नहीं है मैंने भी जो कुछ किया वह छतरपुर के लिए नया था, प्ले स्कूल, फार्मेसी स्कूल नये थे प्रोडक्ट बनाने से पहले अच्छे ढंग से अध्ययन करें। उससे सम्बन्धित सर्वे भी कर ले फिर प्लानिंग करें। इसके लिए बेहतर शिक्षा भी होनी चाहिए। स्कोप बहुत है, बस सूझ-बूझ से काम करने की जरूरत है।
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