बाँदा : अधिवक्ता के घर पर गाली-गलौच करने वाले अरविंद गौतम के खिलाफ केस दर्ज
शहर कोतवाली अंतर्गत आवास विकास में रहने वाला अरविंद सिंह गौतम इसी मोहल्ले में रहने वाले अधिवक्ता दिनेश निगम...
बांदा, शहर कोतवाली अंतर्गत आवास विकास में रहने वाला अरविंद सिंह गौतम इसी मोहल्ले में रहने वाले अधिवक्ता दिनेश निगम एडवोकेट के घर पर उनकी पत्नी और बेटियों की मोबाइल से फोटो खींच रहा था। विरोध करने पर अरविंद ने अधिवक्ता की पत्नी और बेटियों को भद्दी-भद्दी गालियां दी। यह जानकारी मिलते ही अधिवक्ता अपने घर पहुंचे तो अधिवक्ता को भी गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी देकर मौके से भाग निकला। इस मामले में अधिवक्ता की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने अभियोग पंजीकृत कर लिया है।
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इस बारे में कोतवाली में दी गई तहरीर में बांदा में आवास विकास कॉलोनी निवासी दिनेश निगम एडवोकेट ने बताया, ”इसी आवास विकास कॉलोनी का निवासी अरविंद गौतम पुत्र स्व. जगन्नाथ सिंह गौतम कई बार व्हाट्सएप में मुझे गंदी-गंदी बातें लिखकर भेजता था। जिसका मैंने विरोध किया तो 22 दिसंबर 2023 को सुबह 11 बजे अरविंद मेरे घर पहुंचा और घर की फोटो खींचने लगा, चूंकि मेरे घर पर सीसीटीवी कैमरा लगा है, लिहाजा मेरी पत्नी ने अन्दर से देखा कि कोई व्यक्ति उनके घर की फोटो खींच रहा है, तो वो बाहर निकलीं और साथ में मेरी बेटियां भी बाहर निकलीं और इस बात पर ऐतराज किया। तब अरविंद फोटो खींचते हुए मेरी पत्नी व बेटियों को गालियां देते हुए अपमानित करने लगा। इस पर पत्नी ने फोन करके मुझे जानकारी दी। मैं उस समय कचेहरी में था। जानकारी मिलते ही घर पहुंचा तो अरविंद मुझे भी गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दी और वहां से भाग निकला। यह घटना मोहल्ले के तमाम लोगों ने देखी है। सीसीटीवी में भी यह घटना दर्ज है, जिसकी रिकॉर्डिंग मेरे पास है।“
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अधिवक्ता दिनेश निगम ने कहा, ”अरविंद सिंह गौतम मेरी पत्नी व लड़कियों की फोटो का दुरुपयोग कर सकता है। साथ ही उसने जान से मारने की धमकी भी दी है। जिससे मुझे परिवार सहित जान-माल का खतरा भी उत्पन्न हो गया।“ इस तहरीर के आधार पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी अरविंद सिंह गौतम के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना शुरू कर दी है।
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वही इस मामले में मुकद्मा पंजीकृत होने के बाद अधिवक्ता दिनेश निगम ने पुलिस अधीक्षक को एक और प्रार्थना पत्र दिया है। जिसमें उन्होंने बताया कि आरोपी अरविंद गौतम ने उनके घर जाकर घर की गोपनीयता को भंग करते हुए पत्नी व बेटियों की फोटो खींची है। जिनको प्रकाशित करके अरविंद गौतम दुरुपयोग कर सकता है। इन तत्थों के आधार पर अरविंद गौतम के विरुद्ध धारा 354 सी आईपीसी का अपराध स्पष्ट रूप से बनता है, किंतु एफआईआर में धारा 354 सी साजिशन अज्ञात कारणों से अथवा आरोपी के दबाव में अंकित नहीं की गई है। यह एक संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। जबकि आरोपी का खुलेआम कहना है कि उसकी बात प्रभारी निरीक्षक कोतवाली अनूप कुमार दुबे से हो चुकी थी, इसलिए धारा 354 सी को अंकित नहीं किया गया है। इसलिए अधिवक्ता ने मांग की है कि विवेचक को इस मुकदमे में धारा 354 सी की बढ़ोतरी करने के लिए निर्देशित किया जाए।
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अधिवक्ता दिनेश निगम ने मीडिया को बताया कि आरोपी अरविन्द सिंह गौतम का यह पहला मामला नहीं है, जब उसने किसी को अकारण परेशान किया हो, बल्कि वह आदतन शहर के तमाम लोगों को पहले भी गाली-गलौज कर उनसे वसूली कर चुका है। पूर्व में कालू कुआं चौराहे के एक दवा व्यवसायी को फर्जी बिल बनाकर कई हजार की अवैध वसूली कर चुका है। एक टीवी चैनल के पत्रकार के साथ भी यह मारपीट कर चुका है, जिसकी रिपोर्ट मटौंध थाने में की गयी थी। जिले के एक पत्रकार के साथ भी वो फोन पर गाली-गलौज कर चुका है, क्योंकि उस पत्रकार के भांजे, जोकि ढाबा चलाता है, ने बार बार उसकी अवैध वसूली से तंग आकर उसे हफ्ता देने से मना कर दिया था। इसके अलावा शहर की एक समाजसेविका, जोकि दलित समुदाय से है, को इसने जातिसूचक शब्दों के साथ कॉलगर्ल शब्द से सम्बोधित किया था, जिसका प्रार्थनापत्र उस पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक को दिया था। दूसरों के साथ-साथ इस पेशेवर व्यक्ति ने अपने पिता और भाई को भी नहीं छोड़ा। पिता के साथ मारपीट करना इसकी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बन गया था, अपने भाई से भी लड़ता रहता था। यहां तक कि इसने अपने पिता, भाई और भतीजे के विरूद्ध मुकद्मा भी पंजीकृत कराया था, जिसके कारण इसके पिता की मृत्यु तक हो गयी। इस प्रकार देखा जाये तो अरविन्द सिंह गौतम के ऐसे बहुत से मामले हैं, जहां से यह गाली-गलौज, मारपीट, ब्लैकमेलिंग और दबाव बनाकर अवैध वसूली करता है और अब तो यह अवैध वसूली का पेशेवर भी बन गया है।
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अधिवक्ता दिनेश निगम ने मांग की है कि ऐसे पेशेवर ब्लैकमेलर के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिये। जिससे शहर वासियों को ऐसे ब्लैकमेलर की गुंडई से निजात मिल सके।