बांदा में केन नदी का जलस्तर बढ़ा, यमुना में गिरावट जारी
जिले की प्रमुख नदियों केन और यमुना के जलस्तर में मंगलवार शाम को मिले आंकड़ों के अनुसार केन नदी में जलस्तर...

केन नदी खतरे के स्तर से दूर, पर बढ़ता जलस्तर बना चिंता का विषय
बांदा। जिले की प्रमुख नदियों केन और यमुना के जलस्तर में मंगलवार शाम को मिले आंकड़ों के अनुसार केन नदी में जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि यमुना नदी का स्तर घट रहा है। केन नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर प्रशासन सतर्क है, हालांकि अभी यह खतरे के निशान से काफी नीचे है।
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केन नदी का जलस्तर बढ़ा
भूरागढ़ (बांदा) स्थित गेज केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंगलवार शाम 4 बजे केन नदी का जलस्तर 94.18 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि जलप्रवाह (डिस्चार्ज) 3978 क्यूसेक रहा। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसे 'राइजिंग ट्रेंड' के रूप में दर्ज किया गया है। हालांकि, यह अभी चेतावनी स्तर 103.00 मीटर और खतरे के स्तर 104.00 मीटर से काफी नीचे है। केन नदी का अब तक का उच्चतम बाढ़ स्तर (एच.एफ.एल.) 113.29 मीटर रहा है।
यमुना नदी में कमी का रुख
वहीं चिल्लाघाट (बांदा) गेज केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार यमुना नदी का जलस्तर मंगलवार शाम 87.76 मीटर दर्ज किया गया है। जलस्तर में कमी का रुझान (फॉलिंग ट्रेंड) देखा गया है। यमुना का चेतावनी स्तर 99.00 मीटर और खतरे का स्तर 100.00 मीटर है। अब तक का उच्चतम बाढ़ स्तर 105.16 मीटर रहा है।
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प्रशासन अलर्ट मोड पर
हालांकि दोनों नदियों का वर्तमान जलस्तर खतरे के स्तर से काफी नीचे है, फिर भी प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। विशेषकर केन नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर जल निगम और आपदा प्रबंधन विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
स्थानीय लोगों से सावधानी बरतने की अपील
आपदा प्रबंधन विभाग ने नदी किनारे बसे गांवों के लोगों से अपील की है कि वे जलस्तर बढ़ने की स्थिति में सतर्क रहें और अनावश्यक रूप से नदी के समीप न जाएं। किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
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