टीईटी अनिवार्यता व सेवा शर्तों में बदलाव के खिलाफ शिक्षक संघ हुआ लामबंद, बांदा–चित्रकूट सांसद को सौंपा गया ज्ञापन
दिनांक 7 जुलाई, रविवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले टीईटी अनिवार्यता और सेवा शर्तों में किए जा रहे बदलाव के विरोध...
बांदा/चित्रकूट। दिनांक 7 जुलाई, रविवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले टीईटी अनिवार्यता और सेवा शर्तों में किए जा रहे बदलाव के विरोध में सैकड़ों शिक्षक एवं संघ पदाधिकारी सड़कों पर उतरे। संघ के जिलाध्यक्ष बांदा आशुतोष त्रिपाठी तथा जिलाध्यक्ष चित्रकूट अखिलेश पांडेय के नेतृत्व में शिक्षक प्रतिनिधिमंडल ने बांदा-चित्रकूट सांसद कृष्णा शिवशंकर पटेल को ज्ञापन सौंपा।
शिक्षकों ने सांसद से आग्रह किया कि यह मामला “जीवन-मरण” से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसे लोकसभा में प्रमुखता से उठाया जाए। ज्ञापन में मांग की गई कि 29 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को सेवारत रहने तथा पदोन्नति के लिए टीईटी की अनिवार्यता से मुक्त किया जाए।
सांसद को दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि भारत का राजपत्र संख्या 39 दिनांक 27 अगस्त 2009 के माध्यम से निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 लागू किया गया। इस अधिनियम की धारा 23 के अंतर्गत अधिनियम लागू होने के बाद नियुक्त शिक्षकों के लिए न्यूनतम शैक्षिक अहर्ताएं निर्धारित की गई थीं, जिन्हें पूरा करके ही शिक्षक नियुक्ति पर पहुंचे।
इसके बावजूद, माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सिविल अपील संख्या 1385/2025 में 1 सितंबर 2025 को दिए गए निर्णय के अनुसार 27 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को सेवा में बने रहने या पदोन्नति हेतु दो वर्ष में टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा न करने पर अनिवार्य सेवा निवृत्ति का प्रावधान किए जाने को शिक्षक अन्यायपूर्ण बता रहे हैं।
ज्ञापन में यह भी अनुरोध किया गया कि भारत सरकार के अधीन 25 अगस्त 2010 के पूर्व तथा उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन 27 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी अनिवार्यता से मुक्त रखा जाए।
टीचर्स फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया के बैनर तले शिक्षक नेताओं ने स्पष्ट किया कि अंतिम परिणाम आने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
ज्ञापन सौंपने के दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष शिवरतन सिंह चौहान, जिला मंत्री बांदा प्रजीत सिंह, जिला मंत्री चित्रकूट श्रीनारायण सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बांदा रमाशंकर यादव, दोनों जिलों के सभी ब्लॉकों के अध्यक्ष, मंत्री, संघर्ष समिति पदाधिकारी, जनपदीय पदाधिकारी, तहसील व ब्लॉक स्तरीय पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में मातृशक्ति उपस्थित रही।
कार्यक्रम की व्यवस्थाओं का संचालन बबेरू और कमासिन ब्लॉक के पदाधिकारियों द्वारा सफलतापूर्वक किया गया।
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