देश मे पहली बार शुरु हुई जस्टसिंग कोर्स इंटर्नशिप, बांदा की खुशी को मिली पांचवी इंटर्नशिप
भारत मे पहली बार शुरु हुई जस्टसिंग कोर्स इंटर्नशिप में महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा बांदा निवासी खुशी रावत ने..
बांदा, भारत मे पहली बार शुरु हुई जस्टसिंग कोर्स इंटर्नशिप में महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा बांदा निवासी खुशी रावत ने न्यायमूर्ति राज्य उपभोक्ता आयोग मध्य प्रदेश के साथ अपनी पांचवी इंटर्नशिप पूरी की। खुशी रावत अभी तृतीय वर्ष की छात्रा है। लेकिन वह इंटर्नशिप में लगातार सफलता की उड़ान भर रही है । बांदा की यह खुशी हर कोर्ट में अपनी एक नई पहचान छोड़ रही है।
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बुन्देलखंड के बांदा गहोई समाज से खुशी रावत महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी नागपुर से विधि की पढ़ाई कर रही है। इस कोर्स की पहचान सभी कोर्टों में हो रही है। भारत में पहली बार जस्टसिंग कोर्स चालू किया गया है। खुशी ने मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता संरक्षण आयोग भोपाल के न्यायमूर्ति अध्यक्ष शांतनु एस केमकार की कोर्ट में एक माह की पांचवी इंटर्नशिप प्राप्त किया है।
इसके पहले वह बांदा में चार इंटर्नशिप प्राप्त कर चुकी हैं। इनमे खुशी को श्रीमती गरिमा सिंह अपर प्रथम मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती अनुजा सिंह सिविल जज जूनियर डिवीजन, नीरज कुमार प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट, और धर्मेंद्र कुमार पांडेय न्यायाधीश मोटर वाहन दुर्घटना न्यायालय बांदा के मार्गदर्शन में इंटर्नशिप प्राप्त हो चुकी है।
सम्पूर्ण भारत वर्ष में पहली बार महाराष्ट्र विधि विश्व विद्यालय नागपुर के फाउंडर चान्सलर सर्वाेच्य न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोवड़े,वर्तमान चांसलर भूषण आर.गवई न्यायमूर्ति उच्चतम न्यायालय और प्रो चांसलर मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता मुंबई उच्च न्यायालय के कुशल नेतृत्व में पंच वर्षीय कोर्स जस्टसिंग बैच 2020 में चालू किया गया था।
इस जस्टिसिंग कोर्स का एकमात्र उद्देश्य है कि महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी नागपुर से जो लड़के लड़कियां पंच वर्षीय कोर्स पूरा करके सरकारी नौकरी में आएं,अथवा वकालत का पेशा चुने ! वह सभी दस इंटर्नशिप, कोर्स के मध्य प्रेक्टिकल जानकारी प्राप्त कर लें। ताकि उन्हें न्याय व्यवस्था की तरह प्रेक्टिकल की पर्याप्त जानकारी हो सके।
खुशी रावत के पिता स्वतंत्र रावत यहां जिला उपभोक्ता आयोग बांदा न्यायालय में रीडर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र विधि विश्व विद्यालय के वाइस चांसलर डॉक्टर प्रो विजेंद्र कुमार के द्वारा ही बच्चो की कार्य क्षमता और उनकी रुचि के अनुसार आयोग, जनपद न्यायालय, फैमिली कोर्ट, मोटर वाहन न्यायाधिकरण, और रजिस्ट्रार उच्च न्यायालय को इंटर्नशिप के लिए पत्र भेजे जाते हैं।
जिसके आधार पर ही बच्चे इंटर्नशिप ले रहे हैं। न्यायमूर्ति राज्य उपभोक्ता आयोग मध्य प्रदेश भोपाल की कोर्ट में इंटर्नशिप पूरी करने पर राज्य आयोग भोपाल की निबंधक श्रीमती अलका श्रीवास्तव आईएएस ने खुशी को इंटर्नशिप प्रमाणपत्र देकर बधाई दी है।
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