देवी भक्तों ने मर्यादा को किया तार तार, शराब के नशे में कही हंगामा, कहीं सिर फुटौव्वल
बांदा : 9 दिनों तक देवी पंडालों में विराजमान दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए गत वर्षाे की भांति इस वर्ष भी केंद्रीय समिति द्बारा बनाए गए नियमों के तहत टोकन लेकर दुर्गा समिति...
बांदा : 9 दिनों तक देवी पंडालों में विराजमान दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए गत वर्षाे की भांति इस वर्ष भी केंद्रीय समिति द्बारा बनाए गए नियमों के तहत टोकन लेकर दुर्गा समिति के कार्यकर्ता केन नदी की ओर आगे बढ़े। इसी दौरान झमाझम बारिश हुई तो रास्ते में केन्द्रीय समिति के बनाए गए नियम कानून भंग हो गए। कार्यकर्ताओं ने रास्ते में जमकर पी शराब और फिर शुरू हो गया जगह-जगह हंगामा, कहीं सिर फुटौव्वल हुआ तो कहीं कहीं हंगामे की नौबत आ गई। यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा। हंगामे व नोंकझोंक के बीच प्रतिमाओं का विसर्जन भी चलता रहा। आधीरात तक साढ़े तीन सौ से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।
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नवरात्रि उत्सव के बाद देवी प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए केंद्रीय समिति और प्रशासनिक अधिकारियों की कई दौर की बातचीत हुई। इसके बाद देवी प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए प्रशासन ने जहां चाक-चौबंद व्यवस्था बनाई थी। वही दुर्गा समितियों के लिए केंद्रीय समिति ने कई बिंदुओं पर लक्ष्मण रेखा भी बनाई थी। बुधवार को नियमानुसार राम लीला मैदान से टोकन लेकर दुर्गा समितियां अपनी अपनी मूर्तियां लेकर केन नदी की ओर बढ़ी।
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लेकिन तभी दोपहर लगभग 2 बजे अचानक झमाझम बारिश होने लगी। इसी बारिश में केंद्रीय समिति की बनाई गई लक्ष्मण रेखा पानी में बह गई। अधिकांश कार्यकर्ताओं ने शराब पीना शुरू किया और कुछ ही देर में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शराब के नशे में टुन्न हो गए। इन्हें डीजे में बज रहे धार्मिक व देवी गीत नागवार लगने लगे।
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इन्होंने डीजे में फिल्मी और फूहड़ गाने बजा कर इसमें डांस करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते कई दुर्गा कमेटियों के कार्यकर्ता फिल्मी गानों में थिरकने लगे। इस बीच बारिश भी झमाझम होती रही, जिससे शराब का दौर बंद नहीं हुआ। बड़ी संख्या में देवी भक्तों के नशे में हो जाने के कारण जगह जगह झगड़े और मारपीट की खबरें आने लगी।
क्वेटरा के पास सर्वाेदय नगर के रहने वाले कुछ लोगों पर ईट पत्थर से हमला हो गया। दोनों तरफ से मारपीट के दौरान सर्वाेदय नगर निवासी अजय और उसके भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। यह सभी लोग दुर्गा प्रतिमा के जुलूस में शामिल थे। मारपीट में घायल हुए दोनों भाइयों को कार्यकर्ता जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां इलाज के दौरान कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ गाली गलौज और अभद्रता की। बाद में डॉक्टरों ने एक घायल को मेडिकल कालेज रेफर किया। इस बारे में डॉ विनीत सचान ने भी स्वीकार किया कि यहां लगभग दो दर्जन युवक आए थे। जो घायलो के साथ आए थे। जिन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ अभद्रता करते हुए हंगामा किया।
ठीक यही हाल बाबूलाल चौराहे में देखने को मिला। यहां भी देवी प्रतिमा को आगे पीछे निकालने के चक्कर में दो गुट आपस में भिड़ गए। बाद में पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाते हुए कार्यकर्ताओं में हंगामा करना शुरू कर दिया। कुछ कार्यकर्ता तो अलीगंज पुलिस चौकी के सामने सड़क पर लेट गए, कुछ धरने पर बैठकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस बारे में क्षेत्राधिकारी नगर अंबुजा त्रिवेदी का कहना है कि मामूली विवाद के चक्कर में कुछ कार्यकर्ताओं ने पुलिस चौकी के सामने धरना देने की कोशिश की। जिन्हें समझा-बुझाकर शांत करा दिया गया। क्षेत्राधिकारी नगर का कहना है कि हंगामा करने वाले अधिकांश लोग शराब के नशे में थे।
-विसर्जन जुलूस में शराब पर रहता था प्रतिबंध
हर साल विसर्जन जुलूस में किसी तरह का हंगामा न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए शराब की बिक्री पर रोक लगा दी जाती थी। इस बार भी शराब बिक्री पर रोक लगाई गई थी लेकिन इस आदेश को 1 दिन पहले वापस ले लिया गया। जिससे कार्यकर्ताओं को आसानी से शराब मिलती रही। अंधाधुंध शराब बिकने से कार्यकर्ताओं ने जमकर लुफ्त उठाया। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ केंद्रीय समिति की लक्ष्मण रेखा पार की। बल्कि मर्यादा का भी उल्लंघन किया। इस दौरान केंद्रीय समिति के कार्यकर्ता भी सक्रिय नजर नहीं आए। जिससे जगह जगह झगड़े और सिरफुटव्वल की नौबत आ गई। हालांकि पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात रही लेकिन नशे में टुन्न कार्यकर्ताओं से उलझने की कोशिश नहीं की।