बुंदेलखंड शिल्पग्राम की बढ़ेगी रौनक, हस्तशिल्पियों को मिलेगा मंच

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की स्थानीय हस्तशिल्पियों और कारीगरों को बढ़ावा देने की मंशा को ध्यान में..

बुंदेलखंड शिल्पग्राम की बढ़ेगी रौनक, हस्तशिल्पियों को मिलेगा मंच
शिल्पग्राम

  • - नियमित तौर पर मेलों व आयोजनों की चल रही तैयारी
  • - छह करोड़ की लागत से छह एकड़ में बना है शिल्पग्राम


उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की स्थानीय हस्तशिल्पियों और कारीगरों को बढ़ावा देने की मंशा को ध्यान में रखते हुए अब झांसी विकास प्राधिकरण बुंदलखंड शिल्पग्राम में नियमित रूप से आयोजनों की श्रृंखला तैयार करने पर विचार कर रहा है। लगभग दो साल पहले झांसी किले की तलहटी में प्राकृतिक वातावरण में बनकर तैयार हुए बुंदेलखंड शिल्पग्राम में कोविड के कारण कार्यक्रमों के आयोजनों में कुछ बाधाएं आ गयी थीं। अब यहां हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से नियमित रूप से कार्यकमों और प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए झांसी विकास प्राधिकरण तैयारी कर रहा है और इस तैयारी में संबंधित विभागों व संगठनों से सुझाव मांगे जा रहे हैं।

  • सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया था उद्घाटन

छह एकड़ क्षेत्रफल में छह करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुए बुंदेलखंड शिल्पग्राम को पहले अर्बन हाॅट का नाम दिया गया था। इसका उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। बुंदेलखंड के हस्तशिल्पियों, कारीगरों, बुनकरों को मंच प्रदान करने के लिए इस हाॅट का निर्माण किया गया है। यहां हस्तशिल्पियों को दुकानें, स्टाॅल और प्रदर्शनी के दौरान रहने की निशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। 

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अभी पिछले दिनों यहां एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत सॉफ्ट टॉयज और कपड़ा उद्योग से जुड़े बुनकरों की प्रदर्शनी लगाई गई थी। इस तरह की प्रदर्शनी नियमित रूप से हो सकें, इसके लिए विभिन्न स्वयं सहायता समूह, हस्तशिल्पियों, कारीगरों, बुनकरों और संबंधित विभागों के बीच समन्वय कर नियमित आयोजनों की तैयारी चल रही है।

  • विभिन्न संगठनों और विभागों से मांगे जा रहे सुझाव

झांसी विकास प्राधिकरण के अवर अभियंता घनश्याम तिवारी ने बताया कि बुंदेलखंड के परंपरागत हस्तशिल्प से जुड़े कारीगरों और हस्तशिल्पियों को मंच उपलब्ध कराने के मकसद से बुंदेलखंड शिल्पग्राम बनकर तैयार हुआ है। हस्तशिल्पियों, बुनकरों, कारीगरों को यहां प्रदर्शनियों के दौरान निशुल्क दुकानें और ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है। अब विभिन्न संगठनों और विभागों से बातचीत कर इस बात के प्रयास हो रहे हैं कि यहां नियमित आयोजन हों।

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हिस

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