अनुपमा ने रुद्राष्टकम को कथक शैली में किया प्रस्तुत
कलार्पण संस्था की ओर से शनिवार को दुर्गाकुंड स्थित अंध विद्यालय में आयोजित 'कला दर्शन समारोह' कला...
वाराणसी। कलार्पण संस्था की ओर से शनिवार को दुर्गाकुंड स्थित अंध विद्यालय में आयोजित 'कला दर्शन समारोह' कला और साहित्य प्रेमियों के लिए अविस्मरणीय रहा। कार्यक्रम में कला, साहित्य और नारी शक्ति के विभिन्न आयामों पर चर्चा के साथ ही सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ पद्मश्री उमाशंकर पांडेय और महाराजा पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पुरुषोत्तम सिंह समेत कई गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर आरएसएस के क्षेत्र मार्ग प्रमुख राजेंद्र सक्सेना, संस्था के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शिव प्रकाश सिंह, महामंत्री डॉ. धनंजय, और प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर नारायण तिवारी सहित अन्य अतिथियों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
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नारी शक्ति पर विशेष चर्चा
'नारी शक्ति एवं कला साधना में मातृशक्ति की भूमिका' और 'परम वैभव के साथ कुटुंब प्रबोधन' विषय पर डॉ. नीरजा माधव, गीता शाखी, सुचरिता गुप्ता, और डॉ. मंजरी पांडेय ने अपने विचार रखे।
कविताओं से सजी शाम
कार्यक्रम में प्रो. ओमपाल सिंह निडर की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन हुआ, जिसमें लखनऊ की डॉ. कुसुम चौधरी, आगरा के कुमार प्रांजल प्रताप, हमीरपुर के शिवकरण सरस, महोबा के शिवरीनारायण खरे, बांदा के नितेंद्र चौबे, और उरई से रामशंकर गौर जैसे कवियों ने अपनी रचनाओं से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मोहा मन
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत बृजेश कुमार शर्मा के ध्रुपद गायन और सुदेश कुमार खरे के ख्याल गायन से हुई। इसके बाद शारदा तनय मिश्रा, सुबोध दुबे, सरोज खुल्बे, प्रियंका सक्सेना और रघुवीर यादव ने भक्ति गीतों से माहौल को भक्ति रस में सराबोर कर दिया।
शिव रुद्राष्टकम की कथक प्रस्तुति बनी आकर्षण का केंद्र
बांदा की कथक नृत्यांगना अनुपमा त्रिपाठी द्वारा रुद्राष्टकम स्तोत्र 'नमामीशमीशान निर्वाणरूपं...' की कथक शैली में प्रस्तुति कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही। रायबरेली के पं. रामप्रकाश मिश्रा ने कथक में परंपरागत ठुमरी प्रस्तुत की, जबकि संगीता सिन्हा की शिष्याओं ने कथक नृत्य से दर्शकों का दिल जीत लिया।
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गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, दीपक कुमार, प्रमोद पाठक, रवि शर्मा, और नीरज कुमार जैसे कई विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने इसे और खास बना दिया।
संस्थान का उद्देश्य:
कलार्पण संस्था के इस आयोजन का उद्देश्य न केवल कला और साहित्य को प्रोत्साहन देना था, बल्कि समाज में नारी शक्ति और कुटुंब प्रबोधन की अहमियत को रेखांकित करना भी था।