इन दो दुराचारियों को मिली 10 और 20 साल कैद की सजा

मासूम बालिकाओं के साथ अश्लील हरकतें और दुराचार करने वाले दुकानदार को न्यायालय ने 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख पांच हजार रूपए के अर्थदण्ड से...

इन दो दुराचारियों को मिली 10 और 20 साल कैद की सजा

चित्रकूट,

मासूम बालिकाओं के साथ अश्लील हरकतें और दुराचार करने वाले दुकानदार को न्यायालय ने 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख पांच हजार रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है।

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 विशेष लोक अभियोजक तेज प्रताप सिंह ने बताया कि बीती सात अक्टूबर 2020 को भरतकूप थाने में एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वादी के अनुसार घटना के दिन शाम पांच बजे उसकी सात वर्षीय बेटी अपनी हम उम्र लडकी के साथ गोंडा गांव निवासी समरजीत यादव पुत्र सन्ता की दुकान सामग्री लेने गई थी। जिसमें दुकानदार समरजीत यादव ने दोनों बालिकाओं के साथ अश्लील हरकतें की। इसकी जानकारी दोनों लडकियों ने घर आकर दी। मामले की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद लडकियों के बयान के आधार पर दुराचार की पुष्टि हुई थी। 

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साथ ही पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश विनीत नरायण पांडेय ने निर्णय सुनाया। जिसमें धारा 6 तथा धारा 8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत दोष सिद्ध होने पर आरोपी समरजीत को 20 वर्ष कठोर कारावास के साथ एक लाख पांच हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई। अर्थदण्ड की धनराशि जमा होने पर 50 फीसदी धनराशि पहली पीडिता और 20 फीसदी धनराशि दूसरी पीडिता को देने के आदेश दिए गए हैं।

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दुराचार के आरोपी को 10 वर्ष कारावास
 घर के सामने रहने वाली विधवा महिला का कई महीनों तक यौन शोषण करने के मामले में दोष सिद्ध होने पर जिला जज ने आरोपी को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 15 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।  जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी श्याम सुन्दर मिश्रा ने बताया कि कर्वी कोतवाली क्षेत्र के अन्तर्गत रहने वाली एक महिला ने दुराचार के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीडिता के अनुसार बीती 21 जून 2021 को आरोपी धीरेन्द्र कुमार प्रजापति ने अर्धरात्रि को छत से आकर सोते समय उसे दबोच लिया और जबरन दुराचार किया। इसकी शिकायत कर्वी कोतवाली में करने पर इलाकाई पुलिस ने समझौता करा दिया। इसमें आरोपी ने शपथ पत्र देकर कहा था कि दोबारा वह ऐसी घटना नहीं करेगा।

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इसके बावजूद 18 अगस्त 2021 को रात्रि में फिर से आरोपी ने उसके साथ गलत कार्य किया। शोरगुल करने पर गाली गलौच करते हुए जान से मारने की धमकी दी। पीडिता के अनुसार उसने अपने घर में छोटी सी श्रृंगार सामग्री की दुकान रखी थी और आए दिन आरोपी उसके साथ दुकान और घर में आकर छेडखानी करता था। इसी क्रम में 7 अक्टूबर 2021 को जब वह घर में सो रही थी तो आरोपी घर की बाउंड्री से कूदकर अन्दर आया और जबरन दुराचार करने के साथ पिटाई भी की और उसकी बेटियों का गला दबाने का प्रयास भी किया। पीडिता ने इसकी सूचना तत्कालीन कोतवाली प्रभारी को दी, किन्तु कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने पीडिता के धारा 156(3) के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए अभियोग पंजीकृत कर विवेचना के आदेश दिए। जिसके बाद पुलिस ने धीरेन्द्र कुमार के विरूद्ध धारा 376, 323, 504, 506, 452 के तहत रिपोर्ट दर्ज की और न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद जिला जज विष्णु कुमार शर्मा ने निर्णय सुनाया। जिसमें दोष सिद्ध होने पर आरोपी धीरेन्द्र कुमार को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ 15 हजार रूपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।

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