इंजन बदलने का झंझट खत्म, इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ेगी ट्रेनें
झांसी आगामी तीन महीनों में झांसी रेल मंडल के सभी सेक्शनों में इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। विद्युतीकरण का..
झांसी आगामी तीन महीनों में झांसी रेल मंडल के सभी सेक्शनों में इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। विद्युतीकरण का काम शत-प्रतिशत पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही इंजन बदलने का झंझट खत्म हो जाएगा, जिससे समय की बचत होगी।
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झांसी रेल मंडल में 1401 किलोमीटर लंबा ट्रैक है। इसमें से 1323 किमी लंबे ट्रैक पर ओएचई लाइन डालकर विद्युतीकरण कर दिया गया है। महज 78 किमी का काम होना बाकी है। ये हिस्सा ललितपुर से खजुराहो के बीच ईसानगर-उदयपुरा के बीच बचा हुआ है, जिस पर काम तेजी से जारी है। तीन माह में इसे पूरा कर लिया जाएगा। इसके पूरा होने के बाद इंजन नहीं बदलना पड़ेगा। इससे समय की भी बचत होगी।
झांसी रेल मंडल के पास 240 इलेक्ट्रिक इंजन हैं। इनमें से कई इंजन पुरानी तकनीक पर आधारित डीसी करंट पर चलते हैं। जबकि, अब रेलवे में तीन फेज के इंजनों का इस्तेमाल किया जाने लगा है। ये एसी करंट पर चलते हैं। ये इंजन डीसी इंजनों के मुकाबले सुरक्षित बताए जाते हैं। मंडल के सभी खंडों का विद्युतीकरण हो जाने के बाद डीजल इंजनों की जगह सिर्फ इलेक्ट्रिक इंजनों का ही इस्तेमाल होगा।
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जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह बताते है कि आगामी तीन माह में ईसानगर - उदयपुरा के बीच विद्युतीकरण का काम पूरा होने की संभावना है। इसके साथ ही झांसी रेल मंडल का शत प्रतिशत विद्युतीकरण हो जाएगा। सभी ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजनों से दौड़ने लगेंगी।
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