द हंस फाउंडेशन ने दिव्यांग व्यक्तियों को वितरित किए सहायक उपकरण

द हंस फाउंडेशन ने मऊ विकास खण्ड में रूपांतरण परियोजना के अंतर्गत दिव्यांगजनों के लिए सहायक उपकरण वितरण...

द हंस फाउंडेशन ने दिव्यांग व्यक्तियों को वितरित किए सहायक उपकरण

चित्रकूट। द हंस फाउंडेशन ने मऊ विकास खण्ड में रूपांतरण परियोजना के अंतर्गत दिव्यांगजनों के लिए सहायक उपकरण वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में दिव्यांग व्यक्तियों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार सहायक उपकरण वितरित किए गए। चित्रकूट जनपद मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) ओपीडी के दौरान ग्राम स्तर से 167  दिव्यांगजन लाभार्थियों को चिन्हित किया गया था। 

द हंस फाउंडेशन द्वारा संचालित यह पहल जनपद के समुदाय के भीतर समावेशित और सशक्तिकरण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जिला पंचायत सदस्य विनीत द्विवेदी ने कहा कि संस्था द्वारा समाज के उत्थान के लिए किए जा रहें कार्य सराहनीय हैं। परियोजना प्रबंधक रामेश्वर प्रसाद विश्वकर्मा ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों के समर्थन और सहयोग ने इस कार्यक्रम को संभव बनाया है। कार्यक्रम में मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) और हंस स्वास्थ्य सखी पहल द्वारा प्रदान की गई अमूल्य सहायता को भी स्वीकार किया गया, जिसे सर्वेक्षण और सामुदायिक सहभागिता प्रयासों के माध्यम से मऊ ब्लॉक द्वारा समर्थित किया गया। जिला परियोजना टीम के प्रमुख सदस्यों में परियोजना प्रबंधक रामेश्वर प्रसाद विश्वकर्मा, परियोजना समन्वयक राधा, अतुल कुमार गुप्ता शामिल थे। इस पहल में मऊ ब्लॉक की एमएमयू टीम में एएनएम रीता, प्रयोगशाला तकनीशियन इकबाल, फार्मासिस्ट प्रशांत और पायलट दिलीप शामिल थे।

द हंस फाउंडेशन (टीएचएफ) की स्थापना 2009 में एक पंजीकृत सार्वजनिक चौरिटेबल ट्रस्ट के रूप में हुई। इस संगठन का मुख्य कार्यक्षेत्र शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और दिव्यांगता पर है। इस साल टीएचएफ अपनी 15वीं वर्षगांठ मना रहा है। द हंस फाउंडेशन ने उत्तर प्रदेश के 11 जनपदों में 84 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स का संचालन शुरू किया है, जो जनमानस की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समर्पित है। यह यूनिट्स प्रधानतः उत्तर प्रदेश के प्रमुख जनपदों में स्थित हैं। प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर और सिद्धार्थनगर के गाँवों को अपनी सेवाओं से आश्रित करेंगे। प्रत्येक मोबाइल मेडिकल यूनिट में एमबीबीएस डाक्टर, फार्मासिस्ट, एएनएम, लैब तकनीशियन और पायलट शामिल होते हैं, जो दिन में दो गाँवों में स्वास्थ्य जांच और प्राथमिक उपचार प्रदान करते हैं। फाउंडेशन ग्राम पंचायत से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कार्यक्रमों को संचालित करती है और इन कार्यक्रमों का मुख्य लक्ष्य देश के सबसे ग्रामीण और अल्पसंख्यक क्षेत्रों में वंचित समुदायों के जीवन में सुधार लाना है। द हंस फाउंडेशन के उप कार्यक्रम प्रबंधक रजनीश के नेतृत्व में यह दिव्यांगजनों के वितरण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस मौके पर खंड विकास अधिकारी रामजी मिश्रा, चिकित्सक अधीक्षक डॉ. हारून, एडीओ पंचायत चंद्र भूषण आदि मौजूद रहे।

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