अब छुट्टा नहीं घूम पाएंगे गोवंश, डीएम ने कसा शिकंजा, 61 हॉटस्पॉट चिन्हित

जनपद में सड़क, खेतों, सार्वजनिक स्थान और रेल पटरी के किनारे छुट्टा घूमने वाले गोवंशों को गौशाला में संरक्षित करने के लिए जिला अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल द्वारा शुरू की गई मुहिम...

अब छुट्टा नहीं घूम पाएंगे गोवंश, डीएम ने कसा शिकंजा, 61 हॉटस्पॉट चिन्हित

जनपद में सड़क, खेतों, सार्वजनिक स्थान और रेल पटरी के किनारे छुट्टा घूमने वाले गोवंशों को गौशाला में संरक्षित करने के लिए जिला अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल द्वारा शुरू की गई मुहिम धीरे-धीरे रंग ला रही है। उनके शिकंजा कैसे जाने के बाद 61 हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं। जहां बड़ी संख्या में अन्ना गोवंश एकत्र होते हैं। इन्हें अब गौशाला भेजा जा रहा है। इसी तरह गौशाला के केयरटेकरों को रात में गौशाला में ही रहने को कहा गया है। इस संबंध में जिला अधिकारी द्वारा लगातार समीक्षा बैठकें की जा रही हैं।

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मंगलवार को जिलाधिकारी श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल की अध्यक्षता में कलेक्टेªट सभागार में निराश्रित गौवंश संरक्षण संवेदीकरण कार्यशाला विकास खण्ड बिसण्डा एवं विकास खण्ड नरैनी के ग्राम प्रधानों के उपस्थिति में हुई। जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधानों से कहा कि गौवंशो को छुट्टा छोडने से किसान की फसलों का नुकाशान होने के साथ मार्ग दुर्घटनायें होती हैं। जिसमें गौवंश के साथ अन्य लोंगो की जनहानि होती हैै। इसलिए ग्रामीण अपने गौवंशो को छुट्टा न छोडे। सड़क व राजमार्ग तथा सार्वजनिक मार्गों पर गौवंशो के विचरण करने से अधिकतर दुर्घटनायें होती हैं। कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में जनपद बांदा में सबसे अधिक निराश्रित गौवंश हैं। जिनको बेहतर तरीके सेे संरक्षित करने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान एवं सभी लोंगो के सहयोग तथा प्रशासन के द्वारा करनी है। उन्होंने कहा कि निजी गौवंश पालकों को अपने पशु स्वयं बांधकर प्रत्येक दशा में रखने होंगे, यदि ऐसा नही करते हैं तो सम्बन्धित ग्राम प्रधान छुट्टा गौवंश छोडने वाले ग्रामीणों को चिन्हित कर पुलिस/प्रशासन को अवगत करायें, ऐसा करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।

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 उन्होंने बताया कि सड़क के किनारे एवं चौराहों तथा अन्य दुर्घटना वाले स्थल जहां पर गौवंश एकत्र होते हैं। ऐसे 61 हाट स्पाट चिन्हित किये गये और ऐसे स्थलों में एकत्र गौवंशो को गौशालाओं में भेजने की कार्यवाही की जा रही है। यह भी बताया कि 27 गॉव जहां पर रेलवे की पटरी मिलती है। उनको चिन्हित करते हुए गौवंशो को सुरक्षित करने की कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि जनपद स्तरीय 159 अधिकारियों को दो-दो गौशालाओं को गोद दी गयी हैं उन गौशाला में व्यवस्थाओं का सर्वेक्षण एवं सुधार के कार्य करेंगे। साथ ही निर्देश दिये कि गौशालाओं में भूसा, चारा, दाना, पेयजल, प्रकाश की समुचित व्यवस्था रखी जाए। 

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कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने ग्राम प्रधानों को कहा कि किसी भी दशा में गौवंश बाहर छुट्टा न घूमने पायें, यदि किसी पशु पालक द्वारा चिन्हित होने के बाद भी बार-बार गौवंशो को छुट्टा छोडते हैं तो उनके विरूद्ध कडी कार्यवाही की जायेगी। ग्राम प्रधान कि गौवंशो को छुट्टा छोेडने वाले ऐसे लोंगो को चिन्हित कर थाने में तत्काल सूचना दें। सभी ग्राम प्रधान इस पुण्य कार्य के सहयोग कर इस अभियान को सफल बनाकर समस्त गौवंशो को गौशालाओं में संरक्षित करायें। उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों द्वारा भी गौशालायें गोद ली जायेंगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी वेद र्प्रकाश मौर्य ने कहा कि गौआश्रय स्थलों पर रात में केयर टेकर वहीं पर उपस्थित रहेंगे तथा प्रतिदिन गौशालाओं की सफाई व्यवस्था कराये जाने के निर्देश दिये। 
कार्यशाला में जिलाधिकारी ने गौ संरक्षण के सम्बन्ध में ग्राम प्रधानों से जानकारी प्राप्त करते हुए, उनके सुझाव प्राप्त करते हुए, उन्हें इस कार्य के लिए हर सम्भव सहयोग प्रदान किये जाने को आश्वस्त किया। ग्राम प्रधान संघ के पदाधिकारियों में बृजेन्द्र सिंह एवं ओम प्रकाश त्रिपाठी ने ग्राम प्रधानों द्वारा एक माह का मानदेय दिये जाने की घोषणा की गई।

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