हमीरपुर में लघु सिंचाई विभाग भूगर्भ जल स्तर उठाने में जुटा
धीरे-धीरे नीचे गए भूगर्भ जलस्तर को उठाने की कोशिशें तेज हैं। इसके बावजूद आशातीत सफलता नहीं मिल रही है।
पिछले सालों में हुए जल संरक्षण कार्य में पांच से सात मीटर भूगर्भ जल ऊपर आया
हमीरपुर। धीरे-धीरे नीचे गए भूगर्भ जलस्तर को उठाने की कोशिशें तेज हैं। इसके बावजूद आशातीत सफलता नहीं मिल रही है। हालांकि जल संरक्षण पर हुए प्रयासों के बीच पांच से सात मीटर जलस्तर बढ़ा है। इससे कभी डार्क जोन में पहुंचे चार ब्लाक इससे उबर चुके हैं।
इसी को देखते मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के तहत जिला योजना की धनराशि से जल संचयन के तहत चेकडैम और रूफटाप रेन वाटर हार्वेसिटिंग कार्य कराए जाएंगे। जल संचयन के लिए जनपद में सात नए चेकडैम एक तालाब व चार चेकडैमों की मरम्मत और 18 इंटर कालेजों में 19 स्थानों पर रूफटाप रेनवाटर हार्वेस्टिंग के कार्य कराए जाएंगे। यह सभी कार्य अगले दो माह के अंदर शुरू होने की संभावना है।
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जिले में भूगर्भ जल स्तर नीचे जाने से पानी का संकट बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर वाटर रिर्चाजिंग की तमाम स्कीमें संचालित हो रही हैं। पिछले कई वर्षाे से चल रही तमाम योजनाओं योजनाएं फलीभूत साबित नहीं हो पा रही हैं। जिले में छोटी नदियों व नालों पर सैकड़ों चेकडैम बनाए गए हैं। चेकडैमों का निर्माण लघु सिंचाई विभाग के साथ मनरेगा से भी कराए गए हैं। लेकिन इक्का दुक्का चेकडैमों को छोड ज्यादातर में पानी नहीं टिक रहा है।
बुंदेलखंड विशेष पैकेज से एक बार खेतों में कुओं में लघु सिंचाई विभाग ने आउट लेट व इनलेट बनाकर जलसंरक्षण के प्रयास किए थे। लेकिन यह कार्य एक ही बारिश में ध्वस्त हो गया। वहीं जल संरक्षण के नाम पर तालाबों की खुदाई भी लघु सिंचाई विभाग के साथ ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत के जरिए कराई गई है। रूफटाप रेनवाटर हार्वेस्टिंग का कार्य जिले में इक्का दुक्का स्थानों पर ही दिख रहा है। पिछले कुछ सालों में रूफटाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य होता कहीं दिखाई नहीं दिया है।
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इसके पीछे सरकार की ओर से कराए जाने वाले जल संरक्षण के कार्यों को प्रशासन आम जनता को जानकारी देने के बजाय गोपनीय रखना बताया जा रहा है। फिलहाल पिछले साल हुई बारिश का असर भूगर्भ जलस्तर ऊपर लाने में मददगार साबित जरूर हुआ है। पिछले मई माह में जारी भूगर्भ जल विभाग के आंकड़ों को देखा जाए तो ब्लाक कुरारा को छोड़ अन्य विकास खंडों में जलस्तर बढ़ा है।
18 इंटर कालेजों में बनेंगे रूफटाप रेन वाटर सिस्टम
मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना से जिले के 18 इंटर कालेजों में रूफटाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का काम 51.6 लाख से कराया जाएगा। कुरारा ब्लाक में राजाराम इंटर कालेज झलोखर, इस्लामियां, जीजीआईसी, जीआईसी कालेज हमीरपुर में 13.67 लाख खर्च होंगे। मौदहा ब्लाक में नेशनल कालेज, गांधी कालेज, जीजीआईसी में 8.20 लाख, मुस्करा ब्लाक में चिल्ली के पीएनवी व बिवांर के हीरानंद कालेज में 2.71 लाख, राठ में जीआरबी, जीजीआईसी, जीआरवी में 8.14 लाख, सरीला में जीआईसी में दो स्थानों पर 5.42 लाख, सुमेरपुर में एसबी इंटर कालेज, जीजीआईसी में 8.13 लाख व गोहांड ब्लाक में धगवां के रामस्वरूप कालेज और गोहांड के गांधी इंटर कालेज में 5.43 लाख खर्च कर रूफटाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य कराया जाएगा।
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नए 07 चेकडैम एक तालाब बनेंगे, चार की होगी मरम्मत
लघु सिंचाई विभाग सात चेकडैम बनाएगा व एक तालाब का पुनरोद्धार कराएगा। इसमें जिला योजना से 202.38 लाख की धनराशि खर्च होगी। सरीला ब्लाक के देवखुरी में तालाब के पुनरोद्धार में 32 लाख खर्च करेगा। इसी ब्लाक में बरहरा गांव में दो चेकडैमों पर क्रमशः 30.17 व 31.55 लाख खर्च करेगा। यहां के चंडौत गांव में चार चेकडैम बनाने में क्रमशः 19.08, 18.18, 24.48 व 18.98 लाख खर्च करेगा। वहीं मुस्करा ब्लाक के भुजपुर में 27.94 लाख चेकडैम निर्माण में खर्च होंगे। वहीं मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना (जिला योजना) से मौदहा के गांव भवानी, सरीला ब्लाक के धौहल, गौघटिया व मनकहरी के ध्वस्त चेकडैमों की मरम्मत कराई जाएगी। जिसमें 28.36 लाख रुपये खर्च होंगे। एसपी सिंह, अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई ने बताया कि जल संरक्षण के कई कार्य प्रस्तावित है। जल संचयन के हर संभव प्रयास हो रहे हैं। अभी जिले के 18 इंटर कालेजों में 19 स्थानों पर रूफटाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम कराया जाएगा। साथ ही कुछ चेकडैम नए बनने हैं तो चार पर मरम्मत कार्य कराया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार