पत्रकार अभिषेक शुक्ला के खिलाफ, इस वजह से दर्ज कराया गया रंगदारी का मुकदमा

नए मीडिया जगत में क्षेत्रीय न्यूज़ चैनलों और समाचार पत्रों ने योग्यता के आधार को समाप्त कर दिया है। जिनका पत्रकारिता से कोई लेना देना नहीं है...

पत्रकार अभिषेक शुक्ला के खिलाफ, इस वजह से दर्ज कराया गया रंगदारी का मुकदमा

बांदा।
नए मीडिया जगत में क्षेत्रीय न्यूज़ चैनलों और समाचार पत्रों ने योग्यता के आधार को समाप्त कर दिया है। जिनका पत्रकारिता से कोई लेना देना नहीं है, उन्हें थोड़े से पैसों के लालच और माइक आईडी के साथ आई कार्ड थमा दिया जा रहा है। ऐसे ही तथाकथित अपनी कमाई के चक्कर में लोगों को ब्लैकमेल करते हैं। जिससे उनके खिलाफ रंगदारी के मामले दर्ज हो रहे हैं। पिछले कुछ समय में तमाम ऐसे पत्रकारों के खिलाफ मामले सुनाई देने लगे हैं। ऐसे लोगों के कारण ही सच्चे पत्रकारों की छवि धूमिल हो रही है। ताजा मामला बांदा शहर से जुड़ा है, जहां एक पत्रकार के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराया गया है। पत्रकार पर लगाए गए आरोप सही हैं या गलत ? यह जांच का विषय है। लेकिन मुकदमा दर्ज होने से एक बार फिर पत्रकारिता पर आंच आई है।

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शहर के निवासी और एक व्यक्तिगत यूट्यूब चैनल के पत्रकार अभिषेक शुक्ला के खिलाफ बाबूलाल चौराहा निवासी अंशुमन बंसल द्वारा रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराया गया है। बुन्देलखण्ड न्यूज से विशेष बातचीत में अंशुमन बंसल ने पत्रकार पर आरोप लगाते हुए बताया कि अभिषेक शुक्ला ने व्यक्तिगत नाम से ट्विटर व फेसबुक प्रोफाइल पेज तथा व्हाट्सएप में ग्रुप बना रखा है। जिसमें रीजनल टीवी चैनल की माइक आईडी का उपयोग करके अपने व्यक्तिगत पोर्टल में उनके पिता रविकुल बंसल के विरुद्ध अवैध धन उगाही की नीयत से गलत व असत्य तथ्यों के आधार पर दुष्प्रचार किया गया है। तथा उनके ऊपर दबाव बनाने के लिए झूठे एवं भ्रामक लेख प्रकाशित करके अवैध रूप से पैसे की मांग कर लगातार वह तथाकथित पत्रकार परेशान करता आ रहा है। धन की उगाही पूरी न होने पर पिता के विरुद्ध अपमानजनक लेख अपने व्यक्तिगत पोर्टल में बिना किसी ठोस जानकारी के प्रसारित किया है।

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अंशुमन बंसल ने बताया कि जिस जमीन में निर्माण को अवैध बताया जा रहा है। उसमे वर्ष 1976 में नगर पालिका परिषद बांदा से इस परिसर का मानचित्र पास कराया गया था। परिसर के दोनों ओर मुख्य सड़क की ओर दुकाने कायम चली आ रही हैं। विभिन्न किराएदारों के मध्य विभिन्न न्यायालयों में किराएदारी की बेदखली के मुकदमे चले और न्यायालय के निर्णय से किराएदार बेदखल हुए। बेदखल किराएदार जो हमसे  ईर्ष्या द्वेष रखते हैं।  वहीं शासन व प्रशासन में हमारे खिलाफ झूठी शिकायतें करते हैं ताकि हम मानसिक रूप से परेशान हो और हमें आर्थिक क्षति पहुंचे। मेरे पिता बुजुर्ग हैं जिनकी आय का एकमात्र स्तोत्र इन दुकानों से मिलने वाली आमदनी है।

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इतना ही नहीं इस पत्रकार ने अपने समाचारों में उनके पिता को भूमाफिया बताकर उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की कोशिश की है। उक्त पत्रकार निरन्तर उनके पिता के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा है। साथ ही हमारे वैध निर्माण को गिरवाने व उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहा है। ऐसे पत्रकारों के कारण आज संभ्रांत व्यक्तियों का जीना दूभर हो गया है। इसी शिकायत के आधार पर पत्रकार के खिलाफ रंगदारी का मामला दर्ज किया गया है। 

कौन हैं रविकुल बंसल
बाबूलाल चौराहा निवासी रविकुल बंसल के पूर्वज स्वर्गीय राय साहब केदारनाथ बंसल थे। जिन्होंने अपनी निजी जमीन को दान करके बलखण्डी नाका में अनाथालय व आर्य समाज स्थापित कराया। साथ ही उनकी ही जमीन पर डीएवी कॉलेज की स्थापना हुई। शहर के प्रसिद्ध जमुनादास महावीरन का मंदिर उनकी व्यक्तिगत संपत्ति पर कायम है और वह इस मंदिर के प्रबंधक भी हैं। वर्तमान में यह परिवार अपनी व्यक्तिगत भूमि बंसल कम्पाउंड गूलरनाका बाबूलाल चौराहा में रह रहा है। और जिन पर पत्रकार अभिषेक शुक्ला द्वारा आरोप लगाया जा रहा है, वह 72 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति हैं।

क्या कहते हैं आरोपी पत्रकार
एक रीजनल चैनल एवं व्यक्तिगत यूट्यूब चैनल के पत्रकार अभिषेक शुक्ला ने इस मामले में सफाई देते हुए बताया कि शहर के बाबूलाल चौराहा स्थित बंसल कम्पाउंड के संबंध में खबर चलाने के कारण उसके खिलाफ द्वेषवश रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया गया है। पत्रकार ने खबरों के सम्बन्ध में विकास प्राधिकरण द्वारा जारी नोटिसों का हवाला देते हुए बताया कि बाबूलाल चौराहा के सुंदरीकरण के दौरान हुए प्रशासनिक भेदभाव को लेकर उसने चैनल में खबरें चलाई हैं।

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