उपभोक्ता अदालतों में फैमिली कोर्ट जज की भांति, पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त किया जाये
भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक कुमार त्रिपाठी उर्फ जीतू ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजते हुए अवगत कराया है..
बाँदा,
भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक कुमार त्रिपाठी उर्फ जीतू ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजते हुए अवगत कराया है कि भारतवर्ष की जिला उपभोक्ता अदालतों में मोटर एक्सीडेंट कोर्ट और फैमिली कोर्ट जज की भांति पूर्णकालिक अध्यक्ष जो वर्तमान की सेवा में हो, को राज्य की उच्च न्यायालय से लेकर प्रतिनियुक्त पर लेकर नियुक्त किया जाए।
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इससे उपभोक्ता हितों की रक्षा करने वाली जिला उपभोक्ता अदालतों में न्यायिक कार्य तेजी से होगा और उपभोक्ताओं को त्वरित न्याय मिलेगा। जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी ने अपने पत्र में लिखा है कि वर्तमान समय में जिला उपभोक्ता अदालतों में सेवानिवृत्त जज को नियुक्ति की तिथि से 65 वर्ष अथवा 4 वर्ष के लिए मूल पद के लिए नियत अंतिम वेतन के आधार पर राज्य सरकारों के द्वारा मनोनीत किया जाता है। जब जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त होते हैं तो महीनों तक यह पद खाली बना रहता है।
जिससे उपभोक्ता अदालतों का न्यायिक कार्य लंबित होता है और उपभोक्ता हितों की अनदेखी होने लगती है। राज्य सरकार द्वारा गठित समिति द्वारा शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नही की जाती है जिससे और भी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। साथ ही श्री जीतू ने अपने पत्र में लिखा है कि यदि राज्य की उच्च न्यायालय से मोटर एक्सीडेंट कोर्ट और फैमिली कोर्ट की भांति पूर्णकालिक आधार पर वर्तमान सेटिंग जजों को जिला उपभोक्ता संरक्षण कानून में संशोधन करते हुए नियुक्त किया जाता है तो जिला उपभोक्ता अदालतों में कार्य तेजी से संपादित होगा और न्याय भी तेजी से मिलेगा साथ ही उपभोक्ता अदालतों में लंबित वादों की संख्या घटेगी। इसके अलावा नए अधिनियम में दी गई व्यवस्था के अनुसार निर्धारित अवधि में प्रति माह मुकदमे निस्तारित होगे।
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जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष श्री जीतू ने अपने पत्र की एक प्रति भारत सरकार के कानून मंत्री किरण रिजुजू और एक प्रति उपभोक्ता मामले के मंत्री पियूष गोयल को भेजते हुए लिखा है कि यदि संपूर्ण भारतवर्ष की जिला उपभोक्ता अदालतों में एमएससीटी कोर्ट और फैमिली कोर्ट की भांति राज्य की उच्च न्यायालय से प्रतिनियुक्ति पर लेकर पूर्णकालिक सिटिंग जजों को नियुक्त किया जाता है तो निश्चित रूप से संपूर्ण भारत वर्ष की जिला उपभोक्ता अदालतों में बहुत से उपभोक्ता को लाभ मिलेगा।
भाजपा नेता ने अपने पत्र में लिखा है कि सेवानिवृत्त के बाद लगातार जिला उपभोक्ता अदालतों में सेवानिवृत्त न्यायाधीश को नियुक्त करने से जब फोरम से नोटिस, रिकवरी, गिरफ्तारी वारंट आदि जाता है तो राज्य सरकार के राजस्व विभाग पुलिस विभाग आदि के द्वारा वसूली नोटिस यदि पत्रों में बहुत ज्यादा तवज्जो भी नहीं दिया जाता। जिससे उपभोक्ता अदालत द्वारा पारित निर्णय का अनुपालन कराने में उपभोक्ता को बहुत ज्यादा इंतजार करना पड़ता है और निष्पादन वाद लगातार लंबित रहते हैं। यदि दूसरे राज्यों से किसी मामले में वसूली होती है तो उस स्थिति में और भी व्यावहारिक परेशानियां आती है जिस के संबंध में अलग से एक पत्र उपभोक्ता मंत्रालय को भेजा जा चुका है।
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