झाँसी: दाँत दर्द पीड़ित मरीज की कोरोना से मौत, परिजन ने लगाया डॉक्टर की लापरवाही से मौत का आरोप
बाँदा से झाँसी दाँत दर्द का इलाज कराने आये एक रेलकर्मी की इलाज के दौरान मौत हो गई। जहां मृतक के परिजनों ने डॉक्टर पर...
बाँदा से झाँसी दाँत दर्द का इलाज कराने आये एक रेलकर्मी की इलाज के दौरान मौत हो गई। जहां मृतक के परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया।
आपको बता दें कि राकेश कुमार बाँदा निवासी रेलवे बाँदा में गैंगमैन पद पर कार्यरत था, कुछ समय से उसके दाँत में दर्द रहता था, जब उसने बाँदा के रेलवे अस्पताल में अपनी तकलीफ का इलाज कराया तो बाँदा रेलवे अस्पताल में अधिक सुविधाएं न होने पर उसे झाँसी रेलवे अस्पताल को रेफर कर दिया गया। रेलवे अस्पताल में भर्ती रहने के 2 दिन बाद उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
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मृतक की पत्नी ने रेलवे अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगया। साथ ही यह भी बताया कि मृतक को अस्पताल से भी गायब कर दिया और उसका सामना भी गायब कर दिया तथा केस फ़ाइल और इलाज के कागज भी गायब कर दिए गए।
मृतक की पत्नी शालिनी ने बताया कि कल दोपहर 2 बजे उसके पति से फोन द्वारा उसकी बात हुई, बातों में यह भी स्पष्ट किया कि यहां इलाज ठीक ढंग से नहीं मिल रहा और दांत के दर्द में कोई भी आराम नहीं है।
शाम 7 बजे मृतक की पत्नी खाना आदि लेकर जब अस्पताल पहुंची तो पुलिस ने उसे बताया कि उसके पति की मृत्यु हो गई है और डैडबॉडी मेडिकल कालेज से मिलेगी।
मृतक की पत्नी ने यह भी बताया कि उसे यह जानकारी लगी कि उसके पति की मृत्यु शाम 4 बजे ही हो चुकी थी किंतु 7 बजे किसी डॉक्टर ने नही बल्कि पुलिस ने उसे म्रत्यु की जानकारी दी।
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इस जानकारी के बाद मृतक के अन्य परिजन आज रेलवे चिकित्सालय झाँसी पर पहुंचे और हंगामा करना शुरू कर दिया। हंगामे की जानकारी होने पर थाना आर.पी.एफ, थाना जी.आर.पी, थाना नवाबाद अध्यक्ष पुलिस मय दल-बल के साथ रेलवे चिकित्सालय पहुंच गए। वहीं जी.आर.पी. सी.ओ. तथा सी.ओ.पुलिस झाँसी भी रेलवे चिकित्सालय पहुंच गए।
क्या कहा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रेलवे ने ?
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने इस मामले में बताया कि मृतक राकेश कुमार 28 वर्ष बाँदा में गैंगमैन रेलवे में कार्यरत था। बाँदा में चल रहे इलाज के दौरान उसे झाँसी रेलवे अस्पताल रेफर किया गया था। झाँसी अस्पताल में नियमानुसार उसकी कोविड जांच के लिए सेम्पल भेजा गया जो कि अगले दिन जांच रिपोर्ट में पॉजिटिव आया। तभी उसे तुरंत मेडिकल स्थित कोविड हॉस्पिटल एम्बुलेंस (सही उच्चारण-अम्बलन्स) से भेजा गया। अगले दिन इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई।
वहीं मृतक की पत्नी ने कहा कि अगर उसके पति को कोरोना पॉजिटिव था तो उसकी कोई रिपोर्ट तो होगी, किंतु रेलवे अस्पताल प्रसाशन कोई रिपोर्ट नही दिखा सका।
रेलवे यूनियन भी आये आगे। मामले की जानकारी लगने पर कई यूनियन के नेता अस्पताल पहुंचे और रेलकर्मी की मौत का कारण और नियमानुसार कार्यवाही की मांग की।
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