क्या जौनपुर के अगले सांसद बनने जा रहे हैं आईएएस अभिषेक सिंह?

ग्लैमरस आईएएस अभिषेक सिंह का इस्तीफा मंजूर होते ही एक बार फिर से उन्हें चुनावी मैदान दिखाई देने लगा है...

क्या जौनपुर के अगले सांसद बनने जा रहे हैं आईएएस अभिषेक सिंह?

"ग्लैमरस आईएएस अभिषेक सिंह का इस्तीफा मंजूर होते ही एक बार फिर से उन्हें चुनावी मैदान दिखाई देने लगा है। उम्मीद जताई जा रही है कि अभिषेक चूंकि जौनपुर के निवासी हैं, लिहाजा वो लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा सकते हैं। हम बतायेंगे पूरी बात, लेकिन पहले जानिये उनका इतिहास।"

क्यों हुए चर्चित

चुनावी प्रेक्षक के रूप में कार के सामने कभी अपनी ही फोटो वायरल करके तो कभी गणेशोत्सव के नाम पर फिल्मी हस्तियों का जमावड़ा लगाकर, और कभी पूर्व पोर्न स्टार सनी लियोनी के साथ डांस तो कभी जनता के लिए रामलला का फ्री दर्शन, ये सब कराने वाले चर्चित आईएएस अभिषेक सिंह अब राजनीति की बड़ी पारी खेलने के मूड में दिख रहे हैं। अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ उनका इस्तीफा मंजूर हुए, उधर मीडिया में चर्चा का बाजार बहुत तेजी से गर्म होने लगा कि अभिषेक सिंह भाजपा के विजयी रथ में सवार होकर दिल्ली की नई संसद पहुंचने की जुगत भिड़ा चुके हैं। आईएएस अभिषेक की तो मानो मुराद ही पूरी हो गई। पिछले वर्ष अक्टूबर में दिया गया इस्तीफा इस वर्ष फरवरी में स्वीकार कर लिया गया। यानि अब वो सरकारी सेवा से पूरी तरह मुक्त हो गए हैं। 

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दरअसल जौनपुर जिले के केराकत तहसील के टिसौरा गांव निवासी अभिषेक को फिल्मी दुनिया शायद बचपन से ही भा गयी थी। पर कोई बैकग्राउंड न होने से वो उधर जाने के लिए प्रयास भी नहीं कर पाये। लेकिन आईएएस बनने के बाद उनका रुतबा बढ़ा तो जान-पहचान भी बढ़ी। फिल्मी दुनिया का प्रेम उन्हें मुम्बई भी ले गया। 
लेकिन इसके पहले ये भी जानना होगा कि आईएएस अभिषेक सिंह ने 2011 में अपनी नौकरी की शुरुआत की थी। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 94वीं रैंक हासिल की थी। 2013 में झांसी में उन्हें बतौर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट तैनाती मिली और अगले ही वर्ष 2014 में उन्हें सस्पेंड भी कर दिया गया। इसके बाद 2015 में प्रतिनियुक्ति पर तीन साल के लिए उन्हें दिल्ली भेज दिया गया। लेकिन अभिषेक सिंह ने मेडिकल लीव ले ली और लंबे समय तक नौकरी पर वापस नहीं लौटे। इसी को देखते हुए मार्च 2020 में फिर से उनका ट्रांसफर वापस यूपी कर दिया गया। लेकिन अभिषेक सिंह का लापरवाही वाला वो रवैया यहां तब भी जारी रहा और ट्रांसफर के काफी दिनों तक उन्होंने यूपी में भी ज्वाइन नहीं किया था।

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फिर आया 2022 में गुजरात विधानसभा चुनाव का समय। तब चुनाव आयोग ने उन्हें वहां प्रेक्षक बनाकर भेजा। वहां पर भी ग्लैमर और भौकाल को पसन्द करने वाले आईएएस अभिषेक सिंह ने खेला कर डाला। एक कार के सामने फोटो खिंचाना उन्हें इस कदर भारी पड़ गया कि चुनाव आयोग ने उनकी वायरल फोटो का संज्ञान लेते हुए उन्हें प्रेक्षक के पद से हटा दिया। अभिषेक एक बार फिर यूपी लौटे परन्तु फरवरी 2023 में उन्हें फिर से निलम्बन की कार्यवाही झेलनी पड़ी। अन्तोगत्वा अक्टूबर में उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा देना ही मुनासिब समझा, जो इस वर्ष केन्द्र सरकार की संस्तुति पर यूपी सरकार ने स्वीकार कर लिया।

आईएएस अभिषेक सिंह की पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें तो उनके दादा स्व. झिम्मल सिंह एक किसान थे। जबकि पिता कृपाशंकर सिंह पूर्व आईपीएस थे और मेरठ में डीआईजी पद से सेवानिवृत्त हुए थे। अभिषेक के चाचा ओमप्रकाश सिंह गाजियाबाद में सीओ पद से रिटायर हुए थे। अभिषेक की बहन अमेरिका में डॉक्टर हैं तो वहीं छोटा भाई दिल्ली में रहता है। 

लेकिन अभिषेक की चर्चा बिना उनकी पत्नी की चर्चा के बगैर अधूरी होगी। उनकी पत्नी दुर्गा शक्ति नागपाल भी आईएएस हैं और वर्तमान में बांदा की जिलाधिकारी भी हैं। दुर्गा शक्ति भी अपने पति की भांति ही चर्चित रही हैं। 2010 बैच की आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल 2013 में जब नोएडा में अपनी पहली तैनाती में एसडीएम का दायित्व निभा रही थीं। उस वक्त गैरकानूनी तरीके से बन रहे एक धार्मिक स्थल के निर्माण पर रोक लगाने के मामले में उन्हें तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार और माफियाओं के कोप का भाजन बनना पड़ा था। न सिर्फ उन्होंने निलम्बन झेला बल्कि आईएएस होने के बावजूद वो लम्बे समय तक किसी भी जिले में डीएम भी नहीं बन पाईं थीं। लम्बे इंतजार के बाद पिछले वर्ष अप्रैल में उन्हें बांदा की जिलाधिकारी बनाया गया। तब भी दुर्गाशक्ति अपनी सख्त प्रशासक की छवि के चलते खनन माफियाओं की नाक में दम किये थीं और आज भी बांदा की जिलाधिकारी रहते वो अक्सर खनन पट्टों में छापा मारकर अवैध खनन करने वालों पर नकेल कसे हुए हैं।

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आईएएस दम्पत्ति अभिषेक और दुर्गाशक्ति की दो छोटी बेटियां हैं, जिन्हें वो दोनों ही हद से ज्यादा चाहते हैं। और अब बात करें अभिषेक सिंह की तो सरकारी नौकरी से मुक्त होने के बाद पूरा समय अपने शौक को देना चाहते हैं। दरअसल अभिषेक ग्लैमर की दुनिया से जुड़े रहना चाहते हैं और नेता बनकर दिल्ली की नई संसद तक भी पहुंचना चाहते हैं।

चूंकि अभिषेक को एक्टिंग का शौक बचपन से रहा है तो उन्होंने 2020 में मशहूर सिंगर बी प्राक के गाने से अपने शौकिया कैरियर की शुरूआत की। वो जुबिन नौटियाल के एल्बम में भी नजर आये थे। इसके अलावा नेटफ्लिक्स ओटीटी की एक वेबसीरीज़ दिल्ली क्राइम के दूसरे सीजन में भी एक्टिंग कर चुके हैं। साथ ही वो एक शॉर्ट मूवी और हार्डी संधू के गाने में मशहूर पूर्व पोर्न स्टार सनी लियोनी के साथ भी सॉन्ग शूट कर चुके हैं।

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मीडिया में चल रही चर्चाओं के गर्म बाजार में उनकी दिली इच्छा पर जौनपुर वासी भी मुहर लगाते मिल जायेंगे। दरअसल पिछले कुछ समय में अभिषेक सिंह ने जिस तेजी से समाजसेवा की लाइन पकड़ी है, उससे चर्चायें तेज हो चली हैं कि नौकरी के जंजाल से पीछा छूटने के बाद भाजपा शायद उन्हें जौनपुर से लोकसभा का टिकट थमा दे। क्योंकि जनवरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उन्होंने जिस तरह निषाद रथ का कॉन्सेप्ट निकालकर जौनपुर वासियों को मुफ्त में रामलला का दर्शन कराया, उससे ये चर्चायें के आधार को मजबूती मिलने लगी है कि अभिषेक अब राजनेता बने बिना नहीं मानने वाले।

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