बैंक के कर्ज से परेशान इस गांव में किसान ने सूखे कुएं में लगाई छलांग

बुन्देलखण्ड में कर्ज और मर्ज से परेशान किसानों द्वारा आत्महत्या का अन्तहीन सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है..

बैंक के कर्ज से परेशान इस गांव में किसान ने सूखे कुएं में लगाई छलांग

बांदा, 

बुन्देलखण्ड में कर्ज और मर्ज से परेशान किसानों द्वारा आत्महत्या का अन्तहीन सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को जनपद बांदा के एक गांव में किसान ने कर्ज से परेशान होकर सूखे कुएं में कूदकर जान दे दी। तेरह दिन बाद दुर्गन्ध आने पर कुएं में तीन ट््यूबवेलों के जरिए पानी भरकर शव को बाहर निकाला गया। घटना पैलानी थाना क्षेत्र के चन्दवारा गांव की है। इसी गांव का निवासी पचपन वर्षीय किसान सुखराम निषाद विगत 6 अप्रैल को घर से कहीं चला गया था।

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परिवार के लोगों ने आसपास व रिश्तेदारी में पता लगाया। लेकिन लापता किसान का कहीं कोई सुराग नहीं मिला। फिर भी परिजन किसान की खोजबीन में जुटे रहे। सोमवार को गांव के समीप तिवारी डेरा के पास स्थित सूखे कुएं के करीब अपनी फसल काट रहे किसान सभाजीत को कुएं से दुर्गन्ध आई। इस पर उसने सोचा कि शायद कुएं में कोई जंगली जानवर गिरकर मर गया होगा। लेकिन दुर्गन्ध बढ़ती जा रही थी। जिससे उसने गांव के लोगों को इसकी सूचना दी।

इसी दौरान वहां सुखराम का बेटा संदीप भी पहुंच गया और फिर घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तीन ट््यूबवेलों के जरिए कुएं में पानी भरवाया। पानी भरते ही शव धीरे-धीरे ऊपर उतराता हुआ दिखाई पड़ा। जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया। इस सम्बन्ध में मृतक के पुत्र संदीप ने आरोप लगाया कि बैंक के कर्ज के चलते उसके पिता परेशान थे। बैंक का दबाव भी कर्ज जमा करने के लिए बढ़ रहा था। वहीं इस बारे में पैलानी थानाध्यक्ष नन्दराम प्रजापति ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।

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