अनुवांशिक बीमारी है हीमोफीलिया, चोट लगने पर हर बार लगता है इंजेक्शन

बचपन में खेलते समय चोट लग गई। ब्लड बहने लगा। घर वाले फौरन अस्पताल ले गए, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद..

Apr 16, 2022 - 09:39
Apr 16, 2022 - 09:41
 0  8
अनुवांशिक बीमारी है हीमोफीलिया, चोट लगने पर हर बार लगता है इंजेक्शन
फाइल फोटो

बांदा, 

  • विश्व हीमोफीलिया दिवस (17 अप्रैल) पर विशेष 

बचपन में खेलते समय चोट लग गई। ब्लड बहने लगा। घर वाले फौरन अस्पताल ले गए, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी ब्लड बहना बंद नहीं हुआ। झांसी मेडिकल कालेज में घर वालों को पता चला कि उसे हीमोफीलिया नामक बीमार है, जिसमें चोट लगने पर खून का थक्का नहीं जम पाता। चोट लगने पर झांसी व लखनऊ जाकर इंजेक्शन लगवाना पड़ता था। लेकिन पिछले सात सालों से वह बांदा में राजकीय मेडिकल कालेज में इसका इंजेक्शन रहे हैं। अब उन्हें इसके लिए परेशान नहीं होना पड़ता। 

यह भी पढ़ें - अतुल गुप्ता हत्याकांड को लेकर लोगों में उबाल, हत्यारों की गिरफ्तारी को लेकर किया प्रदर्शन

यह कहना अतर्रा कस्बे के रहने वाले 25 वर्षीय लीलाधर का है। वह बताते हैं कि उनकी कस्बे में मोबाइल की दुकान है। उनके बड़े भाई 32 वर्षीय प्रेम कुमार को भी यही बीमारी है। हर महीने या उससे भी पहले जरूरत पड़ने पर मेडिकल कालेज से इंजेक्शन लेकर आते हैं। लीलाधार का कहना है कि बचाव व सावधानी ही इसका इलाज है।

हर साल 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया जाता है। राजकीय मेडिकल कालेज प्राचार्य डा. मुकेश कुमार यादव बताते हैं कि हीमोफीलिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर के बाहर बहता हुआ रक्त जमता नहीं है। इसके कारण चोट या दुर्घटना में यह जानलेवा साबित होती है क्योंकि रक्त के बहने पर बंद ही नहीं होता। यह बीमारी रक्त में थ्राम्बोप्लास्टिन नामक पदार्थ की कमी से होती है। 

यह भी पढ़ें - खजुराहो वाया बांदा कानपुर पैसेंजर चलाने की मांग, आमजन को हो रही दिक्कत

थ्राम्बोप्लास्टिक में खून को शीघ्र थक्का कर देने की क्षमता होती है। खून में इसके न होने से खून का बहना बंद नहीं होता है। महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में यह बीमारी ज्यादा पाई जाती है। कालेज में मेडिसिन विभाग में अस्सिटेंट प्रोफेसर डा. शैलेंद्र यादव ने कहा कि मेडिकल कालेज में हीमोफीलिया के 37 मरीज पंजीकृत हैं। यह सभी पुरूष हैं। इन मरीजों को यहां इंजेक्शन उपलब्ध कराया जाता है। 

शरीर में नीले नीले निशानों का बनना, नाक से खून का बहना, आंख के अंदर खून का निकलना तथा जोड़ों की सूजन आदि इसके लक्ष्ण है।चोट लगने की स्थिति में खून जमाने और घाव भरने के लिए मुंह से खाने वाली दवाएं और चोट वाली जगह पर लगाने की दवाएं आदि भी दी जाती हैं। मांसपेशियों और हड्डियों की मजबूती के लिए नियमित व्यायाम करें।

यह भी पढ़ें - निर्माणाधीन बुंदेलखंड एक्सप्रेस से शटरिंग का सामान चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 10 लाख कीमत की 140 लोहे की प्लेटें बरामद

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0