केन नदी की जलधारा रोककर पट्टा धारकों द्वारा दबंगई से बालू का अवैध खनन
बांदा गर्मी आते ही जहां केन नदी का पानी बहुत कम हो जाता है वहीं बालू का कारोबार करने वाले पट्टा धारकों द्वारा दबंगई से..
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बांदा गर्मी आते ही जहां केन नदी का पानी बहुत कम हो जाता है वहीं बालू का कारोबार करने वाले पट्टा धारकों द्वारा दबंगई से केन नदी के बीचो-बीच पानी को रोककर बालू का अवैध खनन किया जाता है। जिससे एक ओर जिले में पानी का संकट उत्पन्न होता है। वहीं दूसरी तरफ राजस्व को भारी चूना लगाया जाता है।
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यह मामला है 100/ 3 खपटिहा कला खदान का। यहां के खदान संचालक द्वारा दबंगई के बल पर नदी की धारा रोक कर अवैध पुल बना कर बालू का खनन कराया जा रहा है। इसी पुल के माध्यम से ट्रकों का आवागमन है। इस बारे में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती प्रेमा द्वारा गुरुवार को एसडीएम पैलानी से शिकायत की गई है जिसमें कहा गया है कि खपटिहा कला खदान के संचालक द्वारा अवैध पुल बनाकर ट्रकों को निकाला जा रहा है।
ओवरलोड ट्रक जसपुरा बस्ती के मुख्य चौराहे से भी होकर गुजरते हैं जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। जब मैं इस क्षेत्र में गई तो लोगों ने पट्टा धारक की दबंगई के बारे में जानकारी दी। मैंने पट्टा धारकों में सचिन मेर्सस जे ए इंटरप्राइजेज खंड संख्या 100/ 3 के विनय कुमार सिंह, बलविंदर सिंह व नंदलाल राय से ऐसा करने से मना किया परंतु वह मानने को तैयार नहीं हुए।जिला पंचायत सदस्य ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।
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बताते चलें कि बालू खनन माफिया एनजीटी नियमों को ताक में रखकर अवैध बालू खनन करते हैं। जिले में कई स्थानों पर पट्टा धारक जलधारा रोक कर बना बना लेते हैं और दिन-रात पोकलैण्ड मशीने उनकी खदानों में गड़गडाती रहती हैं और प्रशासन चुप्पी साधे रहता है।
बालू खनन के चलते आसपास के किसानों की हालत खराब है। उनके खेतों में फसल नहीं हो पा रही है। जिससे किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच रहे हैं।इस बारे में कई बार जिला प्रशासन को किसानों द्वारा ज्ञापन दिया गया लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं होती है। कार्रवाई न होने से बालू माफियाओं के हौसले बुलंद है, जो दिन-रात मशीनों के जरिए नदी को खोखला करने में जुटे हुए हैं।
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