बुंदेलखंड पर्यटन विकास समिति द्वारा पर्यटन कैलेंडर 2025 का भव्य विमोचन
बुंदेलखंड पर्यटन विकास समिति द्वारा निर्मित पर्यटन कैलेंडर 2025 का आज विकास भवन में भव्य विमोचन किया गया...
बांदा, बुंदेलखंड पर्यटन विकास समिति द्वारा निर्मित कैलेंडर 2025 का आज विकास भवन में भव्य विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री उमाशंकर पांडे और मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्य उपस्थित रहे। इनके साथ जिला विकास अधिकारी, पर्यटन समिति के सदस्य श्याम जी निगम, निखिल सक्सेना, अभिषेक सिंह और हर्षित निगम की भी विशेष उपस्थिति रही।
श्याम जी निगम ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए समिति की ओर से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड पर्यटन विकास समिति हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पर्यटन कैलेंडर का प्रकाशन कर रही है, जो क्षेत्र की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को उजागर करता है। इस वर्ष कैलेंडर का वितरण कार्यक्रम विशेष रूप से पद्मश्री उमाशंकर पांडे और मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्य को प्रथम प्रति भेंट करके शुरू किया गया।
श्याम जी निगम ने बताया कि कैलेंडर के मुख्य पृष्ठ पर बुंदेलखंड को महामहिम राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किए गए पांचवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार का गौरवपूर्ण चित्र प्रकाशित किया गया है। इस चित्र में पद्मश्री उमाशंकर पांडे और मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्य को सम्मानित होते दिखाया गया है, जो जनपद के लिए गर्व का विषय है।
रिटर्न कैलेंडर 2025 में बुंदेलखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों को विशेष रूप से शामिल किया गया है। इनमें क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहर, प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक स्थलों का समावेश है। साथ ही, उत्तर प्रदेश के प्रमुख त्योहारों और आयोजनों की तिथिवार जानकारी भी कैलेंडर में प्रदर्शित की गई है, जिससे यह क्षेत्रीय और सांस्कृतिक गतिविधियों का दस्तावेज बन गया है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्य ने कैलेंडर की विषयवस्तु और इसके वितरण की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह कैलेंडर न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि बुंदेलखंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को भी बढ़ावा देगा।
पद्मश्री उमाशंकर पांडे ने समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रयास क्षेत्र के विकास और पहचान को मजबूत करने में सहायक होते हैं।
श्याम जी निगम ने कहा कि यह कैलेंडर बुंदेलखंड के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने का एक माध्यम है। समिति ने इसे प्रकाशित कर क्षेत्र की प्रतिष्ठा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत किया है।