बांदा, जिले में वर्ष 2018 में रंगदारी मांगने और जानलेवा हमले के मामले में न्यायालय ने चार अभियुक्तों को सात-सात वर्ष की कठोर कैद और 37,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह सजा ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत प्रभावी कार्रवाई का नतीजा है।
30 जनवरी 2018 को कोतवाली नगर क्षेत्र के छिपटहरी मर्दननाका में आदिल पुत्र फरोखुद्दीन से 20,000 रुपये की रंगदारी मांगी गई। जब आदिल ने इसका विरोध किया, तो शेरु पुत्र बसंता, इमरान पुत्र बसंता, मोहसीन पुत्र असलम और काले उर्फ सलमान पुत्र रसीद ने तमंचे से फायर कर उसे घायल कर दिया।
पीड़ित आदिल की मां की शिकायत पर कोतवाली नगर थाने में अभियोग पंजीकृत किया गया। मामला मु.अ.सं. 85/18 धारा 147, 307, 387 और 506 भादवि के तहत दर्ज किया गया।
इस मामले की जांच उपनिरीक्षक अजय कुमार सिंह ने की। उन्होंने साक्ष्य जुटाते हुए आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। लोक अभियोजक विजय बहादुर सिंह और उमाशंकर पाल ने प्रभावी पैरवी की। वहीं, कोर्ट मोहर्रिर भानु प्रताप और पैरोकार दिनेश कुमार ने न्यायालय में सशक्त साक्ष्य प्रस्तुत करने में अहम भूमिका निभाई।
न्यायालय ने चारों अभियुक्तों को दोषी पाते हुए सात-सात वर्ष के कारावास और 37,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।