बांदा में बारिश न होने से सूखे के आसार, एमपी में बारिश से केन यमुना का जलस्तर बढ़ा
चित्रकूट मंडल में बारिश कम होने से अभी से सूखे के आसार नजर आने लगे हैं। आषाढ़ का महीना खत्म होने वाला है..
चित्रकूट मंडल में बारिश कम होने से अभी से सूखे के आसार नजर आने लगे हैं। आषाढ़ का महीना खत्म होने वाला है। पर्याप्त बारिश न होने से किसान खरीफ की दलहनी तिलहनी फसलें नहीं बो पाए हैं। बारिश न होने से लोग उमसभरी गर्मी से बेहाल है। तालाब और पोखर सूखे हैं। इस बीच राहतभरी खबर है कि बांदा की जीवनदायिनी केन नदी का जलस्तर करीब एक मीटर बढ़ गया है।
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उमसभरी गर्मी में लोग बिलबिला रहे हैं। आम आदमी हो या फिर किसान सभी आसमान की ओर निहार रहे हैं कि आखिर कब बारिश होगी। बरसात न होने के कारण लोग परेशान हैं। लोगों को यह भय सता रहा है कि कहीं इस बार सूखा न पड़ जाए। ऐसे में नदी का जलस्तर बढ़ना राहत से कम नहीं है। केन नदी किनारे सब्जी बारी लगाने वाले,गए तो उनकी फसल डूबी मिली। मौरंग निकाल गधे से ढोने वाले नदी का जलस्तर रविवार सुबह बढ़ा देख दंग रह गए।
केन कैनाल कंट्रोल रूम के बाबू शुभम ने बताया कि मध्य प्रदेश में बारिश होने से यहां केन और यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। कंट्रोल रूम ने नदी में करीब एक मीटर जलस्तर बढ़ने की पुष्टि की है। केन कैनाल कंट्रोल रूम के मुताबिक, रविवार को केन नदी का जलस्तर 94.28 मीटर रहा। शनिवार को 93.50 मीटर था। यानी करीब एक मीटर जलस्तर बढ़ा है। इसी तरह यमुना का जलस्तर रविवार को 84.30 मीटर रहा। शनिवार को 84.10 मीटर था। इस तरह करीब बीस सेंटीमीटर यमुना का जलस्तर बढ़ा है। केन का खतरे का निशान 104 और यमुना का खतरा निशान 100 मीटर है।
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हि.स