मिलजुल कर विश्वविद्यालय की प्रगति में दें अपना योगदान : जगदगुरु
जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय का 24वां स्थापना दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया...
कहा कि जेआरएचआरयू देगा मैकाले की जगह भारतीय शिक्षा प्रणाली स्थापित कर नया आयाम
24वें स्थापना दिवस समारोह का हुआ समापन
चित्रकूट(संवाददाता)। जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय का 24वां स्थापना दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। समारोह के दूसरे दिन मुख्य अतिथि विवि के जीवनपर्यंत कुलाधिपति जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ संगीत विभाग की सहायक आचार्या डॉ ज्योति विश्वकर्मा की सरस्वती वंदना से हुआ। स्थानीय कलाकारों ने गुरु वंदना प्रस्तुत किया।
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जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि यह गौरव का विषय है कि इस विश्वविद्यालय को राज्य विश्वविद्यालय के रूप में देख रहा हूं। शीघ्र ही केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में प्रतिषठापित होगा। कहा कि यह विश्वविद्यालय परंपरागत विश्वविद्यालय से इतर भारतीय ज्ञान परंपरा का पोषण करते हुए ऋषि परंपरा का अनुसरण करेगा और मैकाले की शिक्षा प्रणाली के स्थान पर भारतीय शिक्षा प्रणाली को स्थापित कर विश्व के समक्ष एक नए आयाम को जन्म देगा। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में किसी भी शिक्षक या कर्मचारी का कभी कोई अहित नहीं होगा। सभी मिलजुल कर विश्वविद्यालय की प्रगति में अपना योगदान दें। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष पंकज अग्रवाल, पूर्व विधायक दिनेश प्रसाद मिश्रा, निर्मला वैष्णव प्रधानाचार्य, लालू तिवारी मौजूद रहे।
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कुलपति प्रो शिशिर कुमार पांडेय ने कहा कि जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य को विश्व के समस्त कुलाधिपतियों से इतर अत्यंत मूर्धन्य एवं उद्भट्ट विद्वान के रूप में आधुनिक भारत के निर्माण में प्रख्यात मनीषी के रूप में प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन संस्कृत विभाग की प्रभारी डॉ प्रमिला मिश्रा ने किया। अंत में सोहर गीत डॉ ज्योति विश्वकर्मा ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कला विभाग ने पेंटिंग प्रदर्शनी का भी आयोजन किया। इससे पूर्व हिंदी संस्थान उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में संगोष्ठी का समापन हुआ। कार्यक्रम में अधिष्ठाता डॉ विनोद कुमार मिश्र, डॉ निहार रंजन मिश्रा, डॉ अमित अग्निहोत्री, डॉ गुलाबधर, डॉ तृप्ति रस्तोगी, कुमार प्रद्योत दुबे, डॉ सुशील त्रिपाठी, जितेंद्र प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव मधुरेंद्र कुमार पर्वत ने किया। पीआरओ सुधीर कुमार आदि मौजूद रहे।