चित्रकूट ब्रह्मांड का सबसे बड़ा तीर्थ : नवलेश महाराज
श्रीमद् भागवत के चौथे दिन सोमवार को कथा व्यास ने श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के पश्चात उनके बाल रूपों का विस्तार से वर्णन...
नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की.....
चित्रकूट। श्रीमद् भागवत के चौथे दिन सोमवार को कथा व्यास ने श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के पश्चात उनके बाल रूपों का विस्तार से वर्णन किया। कथा सुन श्रोता मंत्र मुक्त हो गए। कृष्ण जन्मोत्सव के पश्चात बधाई गीतों का दौर चलता रहा।
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रामायण मेला परिसर में भागवत रत्न आचार्य नवलेश जी महाराज ने बताया कि श्रीमद् भागवत हर प्राणी को एक बार जरूर सुनना चाहिए। भागवत भूगोल, खगोल विज्ञान से भरा हुआ ग्रंथ है। भगवान ने अपनी बाल लीला में केवल माखन चोरी ही नहीं किया, अपितु जीवन जीने की कला बताई। नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की केवल यशोदा के आंगन में नहीं हुआ अपितू पूरे ब्रज में आनंद की लहर थी। बताया कि चित्रकूट ब्रह्मांड का सबसे बड़ा तीर्थ है। चित्रकूट की महिमा बताते हुए आचार्य श्री ने बताया और जगह जप तप करो, खड़े रहो, व्रत मौन लेकिन चित्रकूट में बैठे रहने में ही आनंद है।
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