कथा व्यास ने भगवद प्राप्ति को बताया भक्ति, ज्ञान, योग मार्ग

श्रीमद् भागवत कथा की ज्ञान यज्ञ में भागवताचार्य कुलदीप महराज वृन्दावन धाम ने कहा कि 17 पुराण को लिखने के...

कथा व्यास ने भगवद प्राप्ति को बताया भक्ति, ज्ञान, योग मार्ग

श्रीमद् भागवत कथा का तीसरा दिन

पहाड़ी (चित्रकूट)। श्रीमद् भागवत कथा की ज्ञान यज्ञ में भागवताचार्य कुलदीप महराज वृन्दावन धाम ने कहा कि 17 पुराण को लिखने के बाद जब वेद व्यास को शांति नहीं मिली तब भागवत संहिता श्रीकृष्ण की लीलाओं को लिखकर आत्मशांति प्राप्त किया। कहा कि भक्ति, ज्ञान और योग मार्ग के रास्ते पर चले तो जरूर भगवद प्राप्ति होगी है। इस मार्ग में चलना आसान नहीं है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में भगवान को प्राप्त करने के लिए तीन मार्ग बताए हैं। 

ब्लाक मुख्यालय के बिसण्डा रोड पहाड़ी मे चल रही श्रीमद्भागवत कथा महापुराण के तीसरे दिन बुधवार को भागवताचार्य कुलदीप महराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता में सभी वर्ण, जाति, धर्म, सम्प्रदायों का समान अधिकार निहित है क्योंकि यह संहिता संप्रदाय रहित है। उन्होंने कथा का विस्तार पूर्वक वर्णन करते हुए कहा कि सच्चे हृदय से शिव की शरण में जाने से व्यक्ति के सारे दुर्गुण सद्गुण में बदल जाते हैं। कहते हैं कि यहां कलयुग है लेकिन वास्तव में देखा जाए तो यह कथायुग है। अगर प्रभु की कथा नहीं होती तो भला मानव रुपी कुटिल पापी जीवों का उद्धार संभव नहीं था। इसलिए प्रथम भक्ति को सुनने के लिए सुकदेव जी ने कथा का वर्णन किया है। कहा कि श्रीमद् भागवत कथा सुनने से स्वतः ही जप, पूजा, पाठ, कीर्तन, स्मरण, आत्म निवेदन बन जाएगा। यदि कथा सुनना नहीं बना तो कुछ भी नहीं बनेगा। उन्होंने धु्रव चरित्र, कपिल, जड भरत, अजामिल उपाख्यान, पहलाद चरित्र की कथा सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

संगीतमय कथा मे तबलावादक राम जी, आर्गन नन्द कुमार, पैड वादक ईश्वर प्रकाश, आशीष मिश्र, विष्णुकान्त पाण्डेय, मनोज मिश्र, मनीष कुमार, प्रवीण द्विवेदी, सियाराम गुप्ता, कामता भारद्वाज, कुशल प्रसाद उपाध्याय, शत्रुघन द्विवेदी, लल्ला, काजल, वन्दना, बिन्नू बबली, मिथलेश कुमारी, माधुरी देवी, सुषम देवी, शिवानी शुक्ला, सलोनी सहित कथा यजमान शर्मा देवी सहित श्रोतागण मौजूद रहे।

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