सम्पत्ति एवं विपत्ति से प्रभावित नहीं होते भगवान के भक्त : बृजेश

श्रीमद् भागवत जीवन का पूरक ग्रंथ है। भागवत कथा जीव और ब्रम्ह का सम्बन्ध बताती है। भगवान श्रीकृष्ण का वांगमय...

Feb 4, 2025 - 11:17
Feb 4, 2025 - 11:18
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सम्पत्ति एवं विपत्ति से प्रभावित नहीं होते भगवान के भक्त : बृजेश

श्रीमद् भागवत कथा का दूसरा दिन

चित्रकूट। श्रीमद् भागवत जीवन का पूरक ग्रंथ है। भागवत कथा जीव और ब्रम्ह का सम्बन्ध बताती है। भगवान श्रीकृष्ण का वांगमय स्वरूप है और भगवान की शब्दामयी मूर्ति है।

यह विचार जिला मुख्यालय स्थित कमल निवास में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के दूसरे दिन सोमवार को कथा व्यास बृजेश कुमार पयासी ने श्रोताओं के समक्ष व्यक्त किए। उन्होंने भगवान सुकदेव का चरित्र एवं राजा परीक्षित की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि इस ग्रंथ की महिमा समझने के लिए श्रीधर स्वामी ने द्वितीय स्कंध में उद्देश्य और लक्षण का वर्णन किया है। उन्होंने कहा है कि इस कल्प तरु का मधुर रस वर्षिणी के नीचे षड्दर्शन मात्र ही आनंदित हो रहा है। अमित गुण सम्पन्न श्रीमद्भागवत का भी सार इसका दशम् स्कन्ध है। श्रीमद्भागवत निगम कल्प तरु के सुपक्व एवं सुरस फल के रूप में और कहीं-कहीं तो स्वयं कल्प तरु के रूप में भी वर्णित है। कथा व्यास ने कहा कि श्री शिव पुराण संहिता में भगवान श्रीकृष्ण को श्रीमद्भागवत रूपी शाखा प्रशाखा युक्त कल्प तरु के फल रूप में निरुपित करते हुए, उसकी वंदना की गई है। इसी क्रम में कुंती द्वारा भगवान की स्तुति व दुःख का वरदान मांगना, भगवान के भक्तों पर सम्पत्ति और विपत्ति का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। परम पुरूष स्वयं भगवान श्रीकृष्ण है, जिनके अन्य सभी भगवत स्वरूप अंश कर्ता मात्र है। इसके चलते कृष्ण विषयक प्रीति की ही परम रस में परिणति सम्भव है। प्रेम जितना प्रगाढ़ होता, उतनी ही उसकी आस्वादन चमत्कारिता अधिक होगी और उतनी ही उसमें श्रीकृष्ण को वशीभूत करने की अधिक शक्ति होगी। दास्य, संख्या और वात्सल्य प्रेम की अपेक्षा बृज सुंदरियों का प्रेम ही परम रस है। इसलिए अप्राकृत वृंदावन के अप्राकृत काम या उज्ज्वल श्रृंगार रस को तब तक समझना कठिन है, जब तक हम अपने जड़ीय संस्कारों से मुक्त नहीं हो जाते हैं। इस मौके पर कथा यजमान सोमा शुक्ला, पूर्व विधायक आनंद शुक्ला, मनीष शुक्ला, देवेन्द्र त्रिपाठी, शिवाकांत बलुआ, पुष्पराज सिंह, नवल सिंह चंदेंल, आदर्श मिश्र, पुरूषोत्तम पाण्डेय, अभिनव द्विवेदी, विनय मिश्र, सतीश मिश्र, संदीप त्रिपाठी, शेखर मिश्र आदि मौजूद रहे।

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