बुंदेलखंड के रचित ने रचा इतिहास, ICSC बोर्ड परीक्षा में महाराष्ट्र टॉप-5 में बनाई जगह
बुंदेलखंड के छोटे से गांव पुंगरी में जन्मे रचित उपाध्याय ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से नया कीर्तिमान रचते...

बाँदा। बुंदेलखंड के छोटे से गांव पुंगरी में जन्मे रचित उपाध्याय ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से नया कीर्तिमान रचते हुए ICSC (इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) बोर्ड परीक्षा में 92.2% अंक प्राप्त कर महाराष्ट्र टॉप-5 में स्थान हासिल किया है। रचित ने इकनॉमिक्स में 93% अंक लाकर एक नया रिकॉर्ड भी बनाया है।
गांव से निकलकर राष्ट्रीय मंच तक पहुंचे रचित
रचित, जय बजरंग सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन उपाध्याय और अर्चना उपाध्याय के सुपुत्र हैं। एक ओर जहां नितिन उपाध्याय और अर्चना उपाध्याय ने बुंदेलखंड और बघेलखंड क्षेत्र में सामाजिक कार्यों से परचम लहराया है, वहीं उनका बेटा रचित अब शिक्षा और खेल दोनों क्षेत्रों में बुंदेलखंड का गौरव बढ़ा रहा है।
स्थानीय लोगों ने खुशी जताते हुए कहा, "बाप नंबरी तो बेटा 100 नंबरी!"
शिक्षा और खेल दोनों में अव्वल
रचित उपाध्याय सिर्फ शिक्षा में ही नहीं, बल्कि खेल के मैदान में भी अपने हुनर का लोहा मनवा चुके हैं। हाल ही में उन्होंने महाराष्ट्र की अंडर-15 क्रिकेट टीम की कप्तानी करते हुए अपनी टीम को विजयी बनाया था। अब बोर्ड परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर रचित ने सिद्ध किया है कि वह एक ऑलराउंडर प्रतिभा के धनी हैं।
गांव में खुशी की लहर, चारों ओर बधाइयों का माहौल
रचित की इस सफलता से पुंगरी गांव और बाँदा जिले में खुशी की लहर है। ग्रामीणों, समाजसेवियों और शिक्षा जगत से जुड़े लोगों ने रचित और उनके माता-पिता को ढेरों बधाइयाँ दी हैं। हर कोई इस उपलब्धि को बुंदेलखंड की प्रेरणा मान रहा है।
बुंदेलखंड की मिट्टी से निकला उज्ज्वल सितारा
एक छोटे से गांव से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाना रचित की मेहनत, संस्कार और मार्गदर्शन का परिणाम है। शिक्षा के क्षेत्र में बुंदेलखंड के बच्चों के लिए वह अब रोल मॉडल बन चुके हैं।
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