उत्तर प्रदेश में एनडीए को बड़ा झटका, अपना दल में टूट, 9 विधायक छोड़ सकते हैं योगी सरकार का साथ
उत्तर प्रदेश की सियासत में पंचायत चुनाव से पहले बड़ा राजनीतिक भूचाल देखने को मिल रहा है...

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत में पंचायत चुनाव से पहले बड़ा राजनीतिक भूचाल देखने को मिल रहा है। एनडीए की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) में गंभीर अंतर्कलह सामने आ गई है। पार्टी के बागी नेताओं ने “अपना मोर्चा” नाम से नया राजनीतिक फ्रंट बनाकर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
मंगलवार को लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्रजेंद्र प्रताप सिंह पटेल को नया मोर्चा “अपना मोर्चा” का संयोजक घोषित किया गया। उन्होंने दावा किया कि 9 विधायक उनके संपर्क में हैं और जल्द ही वे एनडीए में अलग रूप में शामिल होंगे। ब्रजेंद्र ने यह भी कहा कि इस संबंध में वे जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा नेतृत्व से मुलाकात करेंगे।
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अनुप्रिया पटेल पर गंभीर आरोप:
ब्रजेंद्र पटेल ने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा,
“अनुप्रिया पटेल ने पार्टी को हाईजैक कर अपने पति को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। पिछले दस वर्षों से पार्टी में आंतरिक चुनाव नहीं हुए। पार्टी को बनाने वाले कार्यकर्ताओं को बाहर निकाल दिया गया।”
उन्होंने अपना दल (सोनेलाल) में व्याप्त परिवारवाद और नेतृत्व की तानाशाही को लेकर भी खुलकर विरोध जताया और कहा कि कुर्मी समाज अब अनुप्रिया से पूरी तरह विमुख हो चुका है।
सीबीआई जांच की मांग:
ब्रजेंद्र पटेल ने डॉ. सोनेलाल पटेल की मौत को लेकर भी सवाल उठाए और पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग कर राजनीतिक हलकों में सनसनी फैला दी।
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आगामी चुनाव पर असर:
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि वाकई में अपना दल के 9 विधायक योगी सरकार से समर्थन वापस लेते हैं, तो न सिर्फ भाजपा के लिए चुनौती बढ़ेगी बल्कि अनुप्रिया पटेल की सियासी पकड़ भी कमजोर हो सकती है।
कुर्मी समाज का एक नया फ्रंट तैयार होने से पंचायत चुनाव से लेकर 2027 विधानसभा चुनाव तक इसका व्यापक असर देखा जा सकता है।
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