गैंगस्टर एक्ट में दोषी पाए गए दो शातिर अपराधी, कोर्ट ने सुनाई 2 साल 3 माह की कठोर सजा

उत्तर प्रदेश में अपराध और संगठित गिरोहों पर शिकंजा कसते हुए अदालत ने एक अहम फैसला सुनाया है...

Apr 4, 2025 - 11:39
Apr 4, 2025 - 11:40
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गैंगस्टर एक्ट में दोषी पाए गए दो शातिर अपराधी, कोर्ट ने सुनाई 2 साल 3 माह की कठोर सजा

बांदा। उत्तर प्रदेश में अपराध और संगठित गिरोहों पर शिकंजा कसते हुए अदालत ने एक अहम फैसला सुनाया है। जिले के गिरवां थाना क्षेत्र में सक्रिय आधा दर्जन से अधिक संगीन अपराधों में लिप्त दो गैंगस्टर आरोपियों को गैंगस्टर एक्ट के तहत 2 वर्ष 3 माह के कठोर कारावास और 6000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में आरोपियों को 1 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। न्यायालय के आदेश के बाद दोनों को सजायाबी वारंट बनाकर कारागार भेज दिया गया है।

विशेष लोक अभियोजक (गैंगस्टर एक्ट) सौरभ सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरवां थाना प्रभारी निरीक्षक नंदराम प्रजापति द्वारा 13 अप्रैल 2023 को एक संगठित अपराध गिरोह के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस रिपोर्ट में गजोधर उर्फ जागेंद्र पुत्र श्यामलाल, निवासी ग्राम मोहनपुरवा थाना मतौन्ध, जनपद बांदा एवं अशोक वर्मा पुत्र गंगाराम, निवासी रूपनगर थाना चरखारी, जनपद महोबा को नामजद किया गया था।

इन दोनों के विरुद्ध थाना मतौन्ध में मु0अ0सं0 0077/2023, धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया था। गैंग लीडर गजोधर उर्फ जागेंद्र के खिलाफ गंभीर धाराओं में 8 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। ये दोनों आरोपी चोरी, लूट, राहजनी, अवैध असलहा व शराब बिक्री जैसे अपराधों में लिप्त हैं और समाज में भय व आतंक का वातावरण बनाए हुए थे।

गैंगस्टर एक्ट के इस मामले की विवेचना निरीक्षक अनूप कुमार दुबे द्वारा की गई थी। केस की प्रभावी पैरवी विशेष लोक अभियोजक सौरभ सिंह तथा पैरोकार विजय कुमार, कोर्ट मोहर्रिर रूबी पाल और अमित राजपूत के द्वारा की गई। परिणामस्वरूप, अपर सत्र न्यायाधीश (गैंगस्टर कोर्ट) गुणेंद्र प्रकाश ने अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए कठोर सजा सुनाई।

गैंग चार्ट तैयार कर जिलाधिकारी से अनुमोदन के बाद यह कार्यवाही शुरू की गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा एक गवाह प्रस्तुत किया गया। गजोधर की पत्रावली को पृथक कर सुनवाई की गई, किन्तु दोनों अभियुक्तों को दोषी पाए जाने के बाद समान सजा दी गई।

विशेष लोक अभियोजक सौरभ सिंह के अनुसार, यह गिरोह लंबे समय से प्रदेश के कई जनपदों में संगठित अपराधों को अंजाम दे रहा था। इनके डर से क्षेत्रीय जनता रिपोर्ट दर्ज कराने या गवाही देने से भी डरती थी।

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