बांदा राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज अब रानी दुर्गावती के नाम से जाना जायेगा
राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज बांदा स्थापना के पांच साल बाद अब नए नाम से जाना जाएगा..
राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज बांदा स्थापना के पांच साल बाद अब नए नाम से जाना जाएगा। प्रदेश सरकार ने मेडिकल कालेज का नामकरण कर दिया है। अब यह रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के नाम से जाना जाएगा। नामकरण संबंधी यह शासनादेश शनिवार को प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने जारी किया।
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रानी दुर्गावती स्मारक समिति के महामंत्री सत्येंद्र गुप्ता ने बताया कि वरिष्ठ पत्रकार स्व बीडी गुप्ता ने राजकीय मेडिकल कॉलेज का नाम रानी दुर्गावती के नाम से करने के लिए मुहिम छेड़ी थी। इसके लिए वह स्वयं प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करके अपना मांग पत्र भी सौंपा था, लेकिन उनके जीवित रहते यह मांग पूरी नहीं हुई। निश्चित ही दुर्गावती के नाम से मेडिकल कॉलेज का नाम बदलने से उनकी आत्मा को शांति मिलेगी।
रानी दुर्गावती भारत की एक वीरांगना थीं जिन्होने अपने विवाह के चार वर्ष बाद अपने पति दलपत शाह की असमय मृत्यु के बाद अपने पुत्र वीरनारायण को सिंहासन पर बैठाकर उसके संरक्षक के रूप में स्वयं शासन किया। दुर्गावती को तीर तथा बंदूक चलाने का अच्छा अभ्यास था। चीते के शिकार में इनकी विशेष रुचि थी। उनके राज्य का नाम गढ़मंडला था जिसका केन्द्र जबलपुर था। वे इलाहाबाद के मुगल शासक आसफ खान से लोहा लेने के लिये प्रसिद्ध हैं। महारानी दुर्गावती कालिंजर के राजा कीर्तिसिंह चंदेल की एकमात्र संतान थीं। इसी वीरांगना के नाम पर मेडिकल कॉलेज का नाम रखा गया है।
मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति और निर्माण बसपा सरकार में वर्ष 2009 में शुरू हुआ था। तत्कालीन मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने स्वीकृत कराया था। वर्ष 2016 में इसके लोकार्पण की रस्म तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने की थी।शहर के नरैनी रोड पर स्थित भव्य भवन में चल रहा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 400 सीटें स्वीकृत हैं। हाल ही में वर्तमान सरकार ने मेडिकल कालेज को एनॉटमी और फिजियोलॉजी में परास्नातक चिकित्सा शिक्षा की मात्र तीन सीटों की मंजूरी दे दी है। यह किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ से संबद्ध है।
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